पुलिस ने रिटायर्ड शिक्षक को अपहर्ताओं के चंगुल से छुड़ाया, दिल्ली में रखा था बंधक

छतरपुर, संजय अवस्थी। पुलिस ने तीन दिन पहले अपहृत रिटायर्ड शिक्षक को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाने मे कामयाबी हासिल की है। अपह्रत चंद्रभान द्विवेदी को दिल्ली से छुड़ाया गया।

21 सितंबर को खजुराहों के रिटायर्ड शिक्षक चंद्रभान द्विवेदी को अखिल श्रीवास्तव और संजय बंसल अपने साथ ट्रेन से दिल्ली ले गए। उसी रात रिटायर्ड शिक्षक के बेटे को अखिल श्रीवास्तव ने फोन करके कहा कि ‘तुम्हारे पिता का अपहरण हमने किया है, तुम 15 लाख रूपये लेकर दिल्ली आओ और उन्हे छुड़ा लो।’

अपहरणकर्ताओं के इस फोन के बाद अपहृत के बेटे ने सिविल लाइन थाने मे इसकी रिपोर्ट लिखवाई। रिपोर्ट लिखने के बाद एसपी ने टीम गठित कर पुलिस टीम को दिल्ली भेजा और उस टीम द्वारा दिल्ली पुलिस की मदद से उस बिल्डिंग पर छापा मारा गया, जहां किडनैपर्स ने अपह्रत को रखा था। पुलिस के आने की सूचना लगने पर मास्टरमाइंड संजय बंसल बिल्डिंग के पाइप से उतरकर भागने की फिराक में था, लेकिन पैर फिसलने से वो नीचे गिर गया और उसकी मौत हो गई। इसी दौरान किडनैपर गैंग के पति-पत्नी और दो अन्य आरोपी फरार हो गये। लेकिन एक अन्य आरोपी सौरभ भारद्वाज को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जो पेशे से सीए है और अभी गनफैक कंपनी के मीडिया के अकाउंट का काम देख रहा है। अब पुलिस सौरभ से पूछताछ कर अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।

अपह्रत को सकुशल छुड़ाने में एसडीओपी खजुराहो मनमोहन सिंह बघेल, टीआई अरविंद दांगी, दिल्ली के सब इंस्पेक्टर गुरमीत सिंह, साइबर सेल आरक्षक प्रदीप, विजय एवं साइबर सेल प्रभारी निशा श्रीवास्तव,आरक्षक किशोर, संदीप, धर्मराज की सराहनीय भूमिका रही।  इसी के साथ फील्ड में उप निरीक्षक जसवंत सिंह, माधवी अग्निहोत्री, हेमंत नायक, दिलीप करण नायक, कल्याण सिंह यादव, आरक्षक रामदास, जनक सिंह, उमाशंकर, बृजेश यादव, प्रमोद दांगी, हरिचरण यादव रामजन्म यादव ने भी अहम भूमिका निभाई।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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