Mid Day Meal में बच्चों को दिया गया कीड़े वाला चावल, प्रशासन ने दिए जांच के आदेश

Gaurav Sharma
Updated on -

छतरपुर, संजय अवस्थी। प्रदेश में विपक्ष शिवराज सरकार को पहले ही कुपोषण के मामले में घेरे हुए है और कुपोषण का मुद्दा गरमाया हुआ है, वहीं छतरपुर जिले से बच्चों के स्वास्थ के साथ खिलवाड़ करने  का मामला सामने आया है,जहां बच्चों को कीड़े लगा और धूल से भरा चावल बांटा गया है।

मामला जिले के हरपालपुर के मवैया और रगौली का है,जहां बच्चों को एमडीएम (मिड डे मील) के लिए शासकीय राशन दुकानों से स्कूलों में खाद्यान्न भेजा गया था,लेकिन उस खाद्यान्न चावल में कीड़े( तिलूला) पड़े हुए थे। हद तो तब हो गई जब इस खराब चावल को स्कूल द्वारा बच्चो को भी बांट दिया गया।

जब यह खराब चावल बच्चों के अभिभावकों ने देखा तो इसकी मौखिक शिकायत स्कूल प्रबंधन को की गई। स्कूल प्रबंधन ने अपनी गलती का ठीकरा राशन दुकान पर फोड़ते हुए  कहा कि यह खाद्यान्न उनके द्वारा भेजा गया है,वही बच्चों का कहना है कि इतना खराब चावल तो जानवर भी नही खा रहे जो उन्हें दिया गया है।

 

वही पूरे मामले में अब प्रसाशनिक अधिकारी जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की बात कह रहे हैं, लेकिन कहीं ना कही इस तरह की खाद्यान्न सामग्री बच्चों को देना एक बड़ी लापरवाही है।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

Other Latest News