20 लाख की लूट का पुलिस ने किया खुलासा, व्यापारी के ड्राइवर ने भांजे के साथ रची थी पूरी वारदात

Gaurav Sharma
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छतरपुर, संजय अवस्थी। बुधवार को जिले के सिविल लाइन थाना क्षेत्र के बृजपुरा में शाम को कबाड़ व्यापारी के साथ हुई 20 लाख की लूट का मामला सामने आया था। जिसका खुलासा आज एसपी सचिन शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए किया है।

एसपी सचिन शर्मा ने बताया कि काबड़ व्यापारी के ड्राइवर सादिक ने अपने भांजे सलमान उर्फ सोनू के साथ लूट की बारदात को षड़यंत्र रचा था। दरअसल, आरोपी सोनू ने नेशनल हाईवे पर जा रही गाड़ी को गुमराह करते हुए गांड़ी के टायर पंचर होने की बात कही थी, जिसके बाद आरोपी कट्टा लेकर गाड़ी के अंदर दाखिल हो गाया। वहीं जान से मारने की धमकी देकर आरोपी ने गाड़ी चालक को वाहन सुनसान इलाके में ले जाने को कहा था। सुनसान इलाके में पहुंचने के बाद आरोपी 20 लाख रुपए से भरा बैग लूट कर फरार हो गया था।

सिविल लाइन पुलिस ने आरोपी सादिक एवं सलमान उर्फ सोनू पर मामला दर्ज कर लिया है। इस मामले का खुलासा करने में और आरोपी को गिरफ्तार करने में एएसपी समीर सौरभ,सीएसपी उमेश शुक्ला,सिविल लाइन टीआई धर्मेंद्र सिंह,उपनिरीक्षक दिलीपकरण नायक,एएसआई राजेंद्र बागरी,प्रधान आरक्षक सतीश त्रिपाठी,आरक्षक दिनेश,धर्मेंद्र चतुर्वेदी हरचरण की टीम का सहयोग रहा है। टीम ने 24 घंटे के अंदर ही मामले के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही आरोपियों के पास से उपयुक्त कट्टा कारतूस,रुपए एवं बाइक जब्त कर ली है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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