सड़क पर सिविल ड्रेस में वसूली कर रहा था ट्रैफिक पुलिसकर्मी

Gaurav Sharma
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छतरपुर, संजय अवस्थी। छतरपुर यातायात पुलिस के द्वारा हाईवे से गुजरने वाले ट्रकों से वसूली किए जाने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। रात करीब सवा 8 बजे यातायात पुलिस के एक जवान के द्वारा सिविल ड्रेस में आकाशवाणी तिराहे पर आंध्रप्रदेश से फैजाबाद जा रहे एक ट्रक चालक से वसूली की कोशिश की गई। हालांकि इसी दौरान मीडिया के एक कैमरे की नजर आरक्षक पर थी, जिसे भांपते हुए आरक्षक ने ड्राईवर की फाइल और पैसा वापस कर दिया। मीडिया के कैमरों में आंध्रप्रदेश के ट्रक चालक और क्लीनर से बताया कि उससे 500 रूपए मांगे गए थे लेकिन कैमरा देखकर लौटा दिए।

ये है पूरा मामला

रात करीब 8.15 बजे का वक्त था सागर रोड की ओर से कानपुर रोड की ओर आंध्रप्रदेश का एक ट्रक क्रमांक एमपी 07 टीएच 4155 के ड्राईवर संजू सोनी ने बताया कि वह 25 टन पास गाड़ी में 21 टन यानि की पूर्णत: वैधानिक लोड लेकर आंध्रा के गुन्टूर से फैजाबाद यूपी जा रहा था। छतरपुर के आकाशवाणी तिराहे पर यातायात पुलिस के कुछ जवान तैनात थे। इसी दौरान सिविल ड्रेस में तैनात एक जवान मनोज जाटव ने ट्रक को हाथ देकर रोका और फिर क्लीनर को गाड़ी के कागज लेकर बाहर बुलाया। क्लीनर प्रकाशनारायण ने बताया कि उससे मनोज जाटव के द्वारा 500 रूपए की मांग की गई। उसने बताया कि गाड़ी अंडरलोड है। इसके बाद भी 500 रूपए देने का दबाव बनाया गया। वह वापस गाड़ी में गया और ड्राईवर से 500 रूपए और गाड़ी के कागज लेकर दोबारा आरक्षक मनोज जाटव की ओर चला गया। इसी दौरान मनोज जाटव की नजर पास में ही मौजूद एक कैमरे पर पड़ गई और उन्होंने न तो पैसे लिए और न फिर फाइल देखी।

हालांकि ड्राईवर और क्लीनर दोनों ने छतरपुर से निकलते वक्त मीडिया को बताया कि उनसे पैसे मांगे गए थे लेकिन कैमरा देखकर लौटा दिए गए। उधर सूत्रों ने ये भी बताया है कि मनोज जाटव की ड्यूटी शाम 6 बजे ही खत्म हो गई थी, इसके बाद भी एएसआई सुनील श्रीवास की मदद के लिए मनोज जाटव सिविल ड्रेस में ट्रकों को रोक रहा था। इस घटना के संबंध में सभी तथ्य और वीडियो स्पष्ट कर रहे हैं कि यातायात पुलिस के द्वारा रात के वक्त वसूली अभियान चलाया जा रहा है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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