कांग्रेस का आरोप- अन्नदाताओं और व्यापारियों के हित में नहीं किसान बिल

Gaurav Sharma
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छिंदवाड़ा,विनय जोशी। केंद्र सरकार से पास हुए कृषि बिल का विरोध एक ओर जहां पूरे भारत में हो रहा है उसकी आंच आज मध्यप्रदेश तक आ पहुंची है। केंद्र सरकार जहां इस बिल को किसान और व्यापारियों के हित में बता रही है। वहीं मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में कांग्रेसी इस बिल को किसान विरोधी और निजी करण का हिस्सा बता रहे हैं। इसी परिपेक्ष में आज छिंदवाड़ा में जिला कांग्रेस अध्यक्ष गंगा प्रसाद तिवारी ने पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार ने जो बिल पास किया है वह किसी भी तरह से किसानों और व्यापारियों के हित में नहीं है और यदि सरकार ने बिल वापस नहीं लिया तो जिला कांग्रेस सहित मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रदेश के हर जिले में व्यापक आंदोलन के साथ इस बिल का विरोध करेगी।

इस कड़ी में जब छिंदवाड़ा की कृषि उपज मंडी का जायजा लिया तो देखा कि कृषि उपज मंडी में पूरी तरह सन्नाटा पसरा हुआ है ना तो वहां किसी तरह का कोई कामकाज हो रहा है ना कोई किसान हैं और ना ही व्यापारी है। मंडी के कर्मचारियों ने प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार के खिलाफ वादाखिलाफी का आरोप भी लगाया और कहा कि यदि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनकी मांगें पूरी नहीं की तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बने रहेंगे। बता दें कि कृषि उपज मंडी में व्यापारियों ने भी इस बिल का पहले ही विरोध किया हुआ है, जिसके चलते व्यापारियों ने पूरी तरह मंडी बंद का ऐलान किया है और जब मंडी कर्मचारी भी पूरी तरह से कामकाज बंद किए हुए हैं। ऐसे में किसानों की स्थिति और भी संकट में पड़ सकती है। बता दें कि मंडी की कर्मचारी 25 तारीख से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं और प्रदेश सरकार को चुनौती दी है कि यदि वेतन विसंगति को लेकर उनकी मांगी यदि जल्दी पूरी नहीं की जाती हैं तो पूरे देश में कर्मचारी यूनियन हड़ताल करेगा।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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