जब चुनाव प्रचार के दौरान कमलनाथ से बोली वृद्ध महिला “साब, आपको मरते दम तक नहीं छोड़ेंगे, आपने हमको रोजी रोटी दी है”

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने बेटे नकुलनाथ के लिए चुनाव प्रचार में जोरो शोरो से प्रचार कर रहे हैं।

Shashank Baranwal
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Kamal Nath

Lok Sabha Elections 2024 Chhindwada : 2019 का लोकसभा चुनाव और मध्य प्रदेश में 29 में से 28 सीटों पर खिलता कमल का फूल। बीजेपी में खुशी की लहर थी लेकिन कहीं ना कहीं एक सीट का मलाल केंद्र से लेकर राज्य सरकार के सभी नेताओं को खल रहा था। 28 कमल के बीच में एक हाथ का पंजा हर एक भाजपाई की आंख में चुभ रहा था। यह पंजा था कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में कमलनाथ की सत्ता का पंजा, कमलनाथ के वादों का पंजा, कमलनाथ के कामों का पंजा।

इसके बाद बजा 2024 के लोकसभा चुनाव का बिगुल, बीजेपी के दिग्गज नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर अमित शाह, जेपी नड्डा, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से लेकर मध्य प्रदेश के मंत्री और दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय तक हर किसी की जुबान पर बस मोदी का एक ही नारा था “29 में से 29 सीटों पर कमल खिलाना है”, छिंदवाड़ा को इस बार जीतकर दिखाना है।

तैयारी शुरू हुई, रैलियां शुरू हुई आम सभा शुरू हुई और दौर शुरू हुआ छिंदवाड़ा में बीजेपी का कमल खिलाने का। छिंदवाड़ा से लगातार कमलनाथ समर्थकों का, कांग्रेसी विधायकों का भाजपा में शामिल होना और भाजपा के दिग्गज नेताओं का छिंदवाड़ा में रैलियां करना मानो इस बात का पुख्ता सबूत दे रहे हैं कि इस बार निश्चित ही छिंदवाड़ा में कमल खिलेगा।

एक ओर जहां भाजपाई अपनी पूरी ताकत लगाकर 29 में से 29 सीटों पर कमल खिलाने का प्रयास कर रहे हैं वहीं कमलनाथ भी पूरी ताकत के साथ अपने बेटे नकुलनाथ के प्रचार में प्रसार में लगे हुए हैं।

हालांकि जब चुनाव प्रचार की शुरुआत हुई तब ऐसा लगा की कमलनाथ छिंदवाड़ा के ऊपर अपना एकाधिपत्य जारी नहीं रख पाएंगे, लेकिन छिंदवाड़ा का एक अपवाद यह भी है की एक उपचुनाव छोड़कर यह कमलनाथ का अजेय गढ़ रहा है। इसके साथ ही जैसे ही कमलनाथ समर्थकों चाहे वह कमलेश शाह हों, चाहे वह अजय सक्सेना हों, चाहे विक्रम अहाके या अमित सक्सेना या कोई और कमलनाथ के करीबी ने कांग्रेस को छोड़ना शुरू किया तो ऐसा लगा कमलनाथ के गढ़ में वाकई में कांग्रेस के लिए गड़बड़ है। बावजूद इन सभी बातों के कमलनाथ बार-बार जनता के बीच में जाकर यही कहते हुए नजर आए कि मैं मरते दम तक छिंदवाड़ा की सेवा करता रहूंगा। इतना ही नहीं वह बार-बार छिंदवाड़ा मॉडल की बात करते और भावुक अपील करते हुए भी नजर आए। अब सोशल मीडिया पर छिन्दवाड़ा के कुछ वीडियो वायरल होते हुए नज़र आ रहे हैं जिसमें कमलनाथ के समर्थक अपने नेता से भावुक बातें करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

हम नहीं बदलेंगे

कमलनाथ के इस प्रचार के दौरान के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहे हैं जो निश्चित तौर पर भाजपा के लिए आंख में चुभने वाले साबित हो सकते हैं। एक वायरल वीडियो में एक शख्स कमलनाथ का हाथ पकड़ कर उनसे कह रहा है कि “भले ही सब बदल गए साहब लेकिन हम नहीं बदलेंगे”।

आपने हमको रोजी रोटी दी

ऐसे ही एक और वीडियो आज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें कमलनाथ प्रचार के लिए किसी जगह पर गए हुए हैं और वहां पर एक महिला उनसे कह रही है कि सब हम मरते दम तक आपको नहीं छोड़ेंगे, आपने हमारी रोजी-रोटी लगाई है अपने ही मेरे बच्चों को भी स्कूल में भर्ती कराया है।

अब निश्चित तौर पर इस तरह के वीडियो वायरल होने के बाद भाजपा के लिए छिंदवाड़ा का सफर मुश्किल होता हुआ नजर आ रहा है और छिंदवाड़ा के लिए बीजेपी अभी जो प्रयास कर रही है वह प्रयास काफी पड़ते हुए नहीं दिख रहे हैं।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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