CM Shivraj Singh Chouhan ने वर्चुअल कैबिनेट मीटिंग पर लगाया अंकुश, मंत्रियों से करेंगे चाय पर चर्चा

शिवराज सिंह चौहान

भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। कोरोनावायरस के संक्रमण (corona virus infection) को देखते हुए शुरू हुई कैबिनेट की वर्चुअल बैठक (Virtual cabinet meeting) पर अब अंकुश (Fullstop) लगने वाला है। अब सभी मंत्रियों की बैठक मंत्रालय (Ministry) में होगी, साथ ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) एक-एक करके मंत्रियों के साथ अपने निवास पर चाय पर चर्चा भी करेंगे। इस बात का ऐलान सीएम शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कोलार डैम (kolar Dam) के पास बने फॉरेस्ट गेस्ट हाउस (Forest Guest House) में आयोजित आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश (Aatmnirbhar Madhya Pradesh) पर मंथन की बैठक के दौरान किया।  सीएम शिवराज ने कहा कि वह जिस दिन दौरे के लिए भोपाल से बाहर नहीं जाएंगे उस दिन वह अपने निवास पर एक मंत्री के साथ चाय पर चर्चा करेंगे।

साथ ही आने वाले सप्ताह से वर्चुअल होने वाली कैबिनेट बैठक पर भी अंकुश लग जाएगा, इसकी जानकारी भी सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने दी। बताया जा रहा है कि अपने कार्य की पद्धति में बदलाव करने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) द्वारा चाय पर चर्चाका का आरंभ किया जा रहा है। गौरतलब है कि मंत्रियों के साथ चाय पर चर्चा का कंसेप्ट देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का है। साल 2014 में जन संवाद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चाय पर चर्चा का कार्यक्रम शुरू किया था।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।