भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कांग्रेस नेता (congress leader) और मध्यप्रदेश कांग्रेस के सचिव पुष्पराज पटेल (pushpraj patel) को 14 दिन की न्यायिक हिरासत (judicial custody) के बाद आज भी जमानत (bail) नहीं मिल सकी। मध्यप्रदेश बजली विभाग (madhya pradesh electricity department) की कार्यवाही के दौरान दो किसान गिरफ्तार किए गए थे। इसी के विरोध में पटेल प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शन में पटेल ने बिजली विभाग की महिला कर्मचारी (female worker) से बहस के दौरान उन्हें अपहरण (kidnap) की धमकी (threat) दी साथ ही अभद्र टिप्पणियां (indecent comments) भी की। महिला कर्मचारी की शिकायत पर उनके खिलाफ एससी-एसटी (sc-st act) एक्ट की धाराएं लगा दी गयीं और गिरफ्तार कर लिया गया।
क्या है पूरा मामला,
मध्य प्रदेश बिजली विभाग की बिल बकाया की कार्यवाही के दौरान पिपरिया के दो किसान लक्ष्मण सिंह गुर्जर और कन्हैयालाल गुर्जर को गिरफ्तार किया गया था। इसकी जानकारी मिलते ही कांग्रेस नेता पुष्पराज पटेल ने बिजली विभाग के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू किया। ये प्रदर्शन पीपल्स चौराहे पर किया गया था जिसमें राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के साथ साथ संयुक्त किसान मोर्चा के भी कार्यकर्ता शामिल थे। इस प्रदर्शन में प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की गई थी।
इसी प्रदर्शन के बाद बिजली विभाग की महिला कर्मचारी ने उनके खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत शिकायत दर्ज कराई। साथ ही धमकी देने का भी आरोप लगाया। पुलिस ने पटेल के खिलाफ सरकारी अधिकारी के साथ अभद्रता करने की धारा 189, धमकी देने की धारा 506, 509 और एससी- एसटी एक्ट के तहत शिकायत दर्ज कर उन्हें हिरासत में ले लिया था।
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वहीं प्रदेश कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन ने पटेल को झूठे मुकदमों के तहत गिरफ्तार किया है। आज भी न्यायिक हिरासत के चौदहवें दिन उनकी जमानत की अर्जी को खारिज कर दिया गया है। जिसके बाद उनके समर्थक जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं।