मिनी लाउड स्पीकर के प्रतिबंध पर राजनीति शुरू, कांग्रेस ने जताया विरोध, प्रशासन का ये है फैसला

Lalita Ahirwar
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इंदौर, आकाश धोलपुरे। यूं तो 1 अक्टूबर से कई व्यवस्थाओं और नियमों में बदलाव आया है, लेकिन इंदौर (Indore) की प्रभारी कलेक्टर द्वारा जारी किए एक प्रतिबन्धात्मक आदेश पर अब राजनीति शुरू हो गई है। दरअसल स्वच्छता में नम्बर वन इंदौर में खेरची मंडियों और ठेले वालों द्वारा उपयोग में लाये जाने वाले मिनी लाउडस्पीकर (चिलम स्पीकर) को लेकर इंदौर की प्रभारी कलेक्टर प्रतिभा पाल ने एक आदेश जारी किया था। इस आदेश के मुताबिक कोलाहल अधिनियम के तहत लाउड स्पीकर उपयोग करने वाले विक्रेताओं पर कार्रवाई कर उनके स्पीकर निगम द्वारा जब्त किए जाने के निर्देश भी थे। पहले ही दिन निगम ने 50 से ज्यादा स्पीकर जब्त किए।

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वही अब इस पूरे मामले में लोगों को भले ही बाजारों में शोर सुनाई देना बंद हो गया हो लेकिन कांग्रेस ने अब इसी मामले पर शोर मचाना शुरू कर दिया है। बता दें, कि इंदौर में लाउडस्पीकर को लेकर लंबे समय से नगर निगम को मिल रही शिकायतों के बाद प्रभारी कलेक्टर को नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने ठेले और गुमटी में लाउडस्पीकर लगाकर सामान बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसके विरोध में कांग्रेस ठेले व्यापारी के समर्थन में उतर आई है।

प्रतिबंधित आदेश को लेकर पूर्व मंत्री जीतू पटवारी का आरोप है कि भाजपा के शासनकाल में अधिकारी केवल गरीबों को दबाने और उनका रोजगार छीनने का काम कर रहे हैं। जीतू पटवारी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सोच गरीबों को मिटाना और उनकी सोच है कि सबसे निचले और सबसे गरीब तबके के लोगों के खिलाफ सरकार खड़ी रहे और बेरोजगारी की स्थिति पूरे देश में बन रही है। इंदौर शहर में जिस तरीके से गरीबों को यातनाएं दी जा रही हैं उसके विरोध में कांग्रेस खड़ी है।

हालांकि लाउडस्पीकर को लेकर इंदौर की प्रभारी कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल अपने फैसले पर अडिग हैं। उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकर से परेशान होकर कई व्यापारिक संगठन और रहवासी संघो द्वारा शिकायतें मिल रही हैं और ठेले पर इस तरह से व्यापार करने की परंपरा कभी भी नहीं रही है और हमेशा से ही आवाज लगाकर सामान बेचने की एक विधिवत परंपरा चली आ रही है। जिस तरीके से ठेले और गुमटियों पर लाउडस्पीकर का इस्तेमाल कर व्यापार किया जा रहा है, उसमें कोलाहल नियंत्रण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है और और मुख्य बाजारों में इस तरह लाउडस्पीकर के माध्यम से व्यापार करना सरासर गलत परंपरा है। इसलिए लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध और कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।

फिलहाल, इस पूरे मामले पर अब राजनीति शुरू हो गई है और माना जा रहा है मिनी लाउडस्पीकर की विवादित गूंज आने वाले समय मे राजनीतिक पारा बढ़ा सकती है।


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