MP News Hindi: अपनी मांगों को लेकर मध्य प्रदेश के सहकारिता समिति कर्मचारी अब आर-पार की लड़ाई के मूड में है। शुक्रवार को वे मुख्यमंत्री निवास के नजदीक तक पहुंच गए।उसके बाद उनके प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री निवास में जाकर अपना मांग पत्र सौंपा और जल्द से जल्द मांगे पूरी करने की मांग की। ऐसा न करने पर वे विरोध का हर तरीका अपनाने की बात कर रहे हैं।
सड़क पर उतरे MP सहकारिता समिति कर्मचारी
‘बिना सहकार, नहीं उद्धार’ यह नारा अक्सर राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के मुंह से आपने कई बार सुना होगा। लेकिन सहकारिता की मूल भावना को जो लोग कार्यान्वित करते हैं, वे किस तरह की जिंदगी बिता रहे हैं, इसका किसी को अंदाज भी नहीं। सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ लगातार सरकार से निवेदन करता रहा है कि उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाए लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ।
सरकार की विभिन्न महत्वपूर्ण योजनाओं का क्रियान्वयन कर उनको धरातल पर पहुंचाने का काम यही लोग
करते हैं। अब इनका कहना है कि इनकी निम्नलिखित मांगों की तत्काल पूर्ति की जाए। इसमें पैक्स सहकारी संस्थाओं में कार्यरत प्रभारी प्रबंधक/ सहायक प्रबंधक,लिपिक, कैशियर, विक्रेता, कनिष्ठ विक्रेता, कंप्यूटर ऑपरेटर, भृत्य,चौकीदार, तुलैया आदि कर्मचारियों के हित में 2021 में जारी शासन की कमेटी की रिपोर्ट का पालन करना, इसके साथ ही प्राइवेट उपभोक्ता भंडार स्व सहायता समूह, वन समिति आदि को 200 रु प्रति कुंटल कमीशन और 2 किलो प्रति कुंटल सोर्टेज दिए जाने के आदेश जारी करना शामिल है।
ऐसा ना होने पर 8 अप्रैल से 22 अप्रैल तक सभी कर्मचारी काली पट्टी बांधकर काम करेंगे और शासन से प्रतीकात्मक विरोध दर्ज कराएंगे। यदि 22 अप्रैल तक इन बिंदुओं का निराकरण नहीं होता है तो 24 अप्रैल को भोपाल में एक बार फिर लगातार जारी रहने वाला धरना? चक्का जाम,विरोध किया जाएगा जो अनवरत जारी रहेगा।
मध्य प्रदेश सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बीएस चौहान और महासचिव रामकुमार दांगी बाबूजी ने साफ कहा है कि उनकी मंशा शासन की योजनाओं को क्रियान्वित करने की तो है लेकिन कर्मचारियों के हितों का भी सरकार को ध्यान रखना चाहिए। शुक्रवार को करीब पूरे प्रदेश से आए डेढ़ हजार से ज्यादा पैक्स कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री निवास पर प्रदर्शन किया और बाद में उनके प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री निवास पर जाकर ज्ञापन सौंपा।