डबरा, सलिल श्रीवास्तव। महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार कितने भी कड़े कानून बना ले लेकिन उसका पालन कराने वाले यदि संजीदा नहीं होंगे तो महिला अपराध नहीं रुक सकते। ये हम इसलिए कह रहे हैं कि आये दिन इस तरह की खबरें सामने आती हैं जिसमे मनचले सड़क चलती लड़कियों पर फब्तियां कसते हैं और छेड़खानी करते हैं। ताजा मामला ग्वालियर जिले के डबरा का है जहां कोचिंग पढ़ने जा रही एक लड़की के साथ एक मनचले ने छेड़खानी कर दी। लोगों ने जब मनचले की हरकत देखी तो उन्होंने पकड़कर मनचले की जमकर पिटाई लगा दी, इतना ही नहीं उसे सबक सिखाने के लिए लड़की से मनचले की चप्पलों से पिटाई भी लगवाई।
डबरा की कृष्णपुरा कॉलोनी में उस समय अजीब स्थिति बन गई जब एक मनचला कोचिंग जा रही लड़की के साथ सड़क पर छेड़खानी करने लगा। लड़की ने पहले इसे नजर अंदाज किया लेकिन जब मनचले ने लड़की का रास्ता रोका तो लड़की चिल्लाने लगी। लड़की की आवाज सुनकर आसपास के लोग इकठ्ठा हो गए उन्होंने मनचले को पकड़ लिया और पिटाई शुरू कर दी। लोगों ने मनचले को जमकर मारा और लड़की से भी चप्पल से पिटाई लगवाई और पुलिस को सौंप दिया। घटना मंगलवार की बताई जा रही है।
ये भी पढ़ें – एंदल सिंह कंसाना के बेटे पर इनाम घोषित, कांग्रेस बोली-शिवराज जी, गाड़ोगे या घर की बात
गौरतलब है कि डबरा में इस तरह की घटना कोई नई बात नहीं है। नगर के कई स्थान ऐसे हैं जहां 8 -10 का झुंड बनाकर लड़के खड़े रहते हैं और आती-जाती लड़कियों पर फब्तियां कसते हैं उन्हें छेड़ते हैं। डबरा की उषा कॉलोनी, कमलेश्वर कॉलोनी, श्रीराम कॉलोनी और अन्य ऐसी कॉलोनियां, जहां पर कोचिंग संचालित होती हैं ऐसी घटनाएं आम बात होती जा रही हैं। लेकिन नगर की सुरक्षा के लिए तैनात डबरा की पुलिस कान में तेल डाले सोती रहती है। छेड़खानी की ये घटनाएं पुलिस की सुरक्षा और गश्त की मुस्तैदी का जीवंत प्रमाण है।
छेड़खानी के अलावा लड़कों के झुण्ड जोगिंदर रोड, कमल टॉकीज रोड, गीता टॉकीज रोड के पास तेज आवाज करने वाली गाड़ियों से स्टंट करते जनता को दिखाई देते हैं, लेकिन डबरा पुलिस को ये दिखाई नहीं देता। मनचलों की बढ़ती संख्या के चलते कुछ क्षेत्र तो ऐसे हैं जिन्हें लोग लवर्स प्वाइंट भी कहने लगे हैं। संत कंवरराम रोड, गुरुनानक मार्केट सहित कुछ स्थान ऐसे हैं जिन्हें सामान्य बोलचाल में लोग लवर्स पॉइंट कहने लगे हैं।
खास बात ये है कि मनचलों की हरकतों को स्थानीय प्रशासन और पुलिस कभी गंभीरता से नहीं लेते जिसके कारण इनकी हिम्मत बढ़ती जाती है। बदनामी और परेशानी के कारन बहुत सी बच्चियां और उनके परिजन पुलिस में शिकायत नहीं कराते उधर कोचिंग संचालक भी किसी भी प्रकार की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते। कोई बड़ी बात नहीं कि छेड़खानी की बढ़ती घटनाएं कल शहर में किसी बड़ी घटना की शक्ल ले लें।