डबरा,सलिल श्रीवास्तव। जिले में व्यापारियों द्वारा की जा रही मुनाफाखोरी को रोकने के लिए जारी कलेक्टर का आदेश अब किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है जिसके चलते दो तीन दिनों से किसान सोसाइटीयों पर खड़े हुए हैं पर उनकी धान नहीं तुल पा रही है किसानों का आरोप है कि सत्यापन के लिए ना तो पटवारी मिल रहे हैं और ना सुपरवाईजर। किसानों ने जब अपनी समस्या पूर्व मंत्री इमरती देवी सुमन को बताई तो वह सीधे एसडीएम और तहसीलदार के पास जा पहुंची जहां उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मेरे क्षेत्र का कोई भी किसान परेशान नहीं होना चाहिए, अगर पटवारी मौके पर नहीं है तो उन पर कार्रवाई की जाए।
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आपको बता दें कि डबरा और भितरवार अनुभाग में समर्थन मूल्य पर धान की तुलाई जारी है इस दौरान व्यापारी भी सक्रिय हो गए और बाहर उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्य जहां से उन्हें सस्ती धान उपलब्ध हो रही है जिसे लाकर समर्थन मूल्य में कांटो पर तुलवा रहे थे इस बात की शिकायत मिलने पर जिलाधीश कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने फूड विभाग और एसडीएम को आदेश दिए थे जिसके बाद तत्काल कार्रवाईयों का दौर जारी हुआ नगर के व्यापारियों के यहां छापे मारे गए तो बाहर की धान के ट्रक, ट्रैक्टर ट्रॉली और एक ज्वार का ट्रक भी मिला था जिसे समर्थन मूल्य पर तुलवाने के लिए लाया गया था इन लोगों पर थाने में एफआइआर भी दर्ज करवाई गई। जिसके बाद कलेक्टर ने एक आदेश जारी किया जिसमें कहा गया कि बगैर सत्यापन के किसी की भी धान नहीं तोली जाए इसके लिए बकायदा पटवारी नोडल अधिकारी और तहसीलदारों को नियुक्त किया गया।
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दरअसल, व्यापारियों को रोकने के लिए जारी किया गया यह आदेश अब किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है किसान पिछले 2 दिनों से कांटो पर अपनी ट्रॉलीयां लिए खड़े हुए हैं पर उनकी धान है कि तुलाई नहीं हो पा रही है, किसानों का कहना है कि पहले सत्यापन के बाद ही रजिस्ट्रेशन हुए थे पर अब दोबारा सत्यापन की बात आ रही है ना तो मौके पर अधिकारी मिल रहे हैं जिसके कारण हमें परेशानी उठानी पड़ रही है किसानों ने अपनी समस्या पूर्व मंत्री इमरती देवी सुमन को सुनाई तो वह किसानों के साथ सीधे डबरा तहसील पहुंच गई, उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से साफ तौर पर कहा कि आपको सत्यापन करना है कीजिए पर मौके पर आपके जिम्मेदार अधिकारी उपलब्ध नहीं हो पा रहे किसानों को अधिकारियों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं जिसके कारण वह परेशान हो रहे हैं उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी किसान को परेशान नहीं होनी चाहिए जिम्मेदार अधिकारी मौके पर मिलें और जो मौके पर नहीं है उनके खिलाफ कार्यवाही करें। सबसे बड़ी बात व्यापारियों द्वारा की जा रही मुनाफाखोरी को रोकने के लिए जारी किया यह आदेश प्रशासनिक अधिकारियों के लिए ही परेशानी खड़ी करता दिख रहा है क्योंकि सत्यापन में समय तो लगता है पर जब मैसेज पहुंचता है तो किसान बिना किसी से पूछे ही अपने वाहन लेकर समर्थन मूल्य के काटों पर पहुंच रहे है और जिसके कारण व्यवस्थाएं गड़बडा रही हैं।