डबरा- आवारा जानवरों का आतंक, दो सांडों की लड़ाई में युवक घायल, दुकान तहस नहस

डबरा, सलिल श्रीवास्तव। कहने को तो डबरा में नगरपालिका भी है और आवारा जानवरों के लिए गौशाला भी। पर अधिकारी कि इतने लापरवाह बने हुए हैं सड़क पर घूमते जानवरों को गौशाला तक भेजना मुनासिब नहीं समझते। यही कारण हो रहा है कि आए दिन लोग इन जानवरों की लड़ाई का शिकार होकर घायल हो रहे हैं। ताजा मामला डबरा के सर्राफा बाजार का है जहां 2 सांडों की लड़ाई में एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया और उसकी पूरी दुकान भी क्षतिग्रस्त हो गई।

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बता दें कि डबरा में इस समय आवारा जानवरों का आतंक बना हुआ है। नगर के मुख्य बाजारों पर या फिर हाईवे पर इन जानवरों को बैठा देखा जा सकता है। इस दौरान अक्सर या तो वाहनों से गाय चोटिल हो रही है तो जानवरों की लड़ाई से कई मोटरसाइकिल सवार हादसे का शिकार हो रहे हैं। आए दिन कहीं ना कहीं कोई ना कोई घटना लगातार घट रही है बावजूद इसके नगर पालिका प्रशासन है कि इस गंभीर समस्या के प्रति उदासीन बना हुआ है। गुरूवार को जो कुछ नगर के मुख्य बाजार सराफे में हुआ उससे सभी लोग सहम गए हैं। शाम के समय 2 सांड आपस में इतनी जोर से लड़े और एक दुकान में जा घुसे। इस दौरान इन जानवरों ने गौरव सोनी को गंभीर रूप से घायल कर दिया। घायल युवक को उसके परिजन पहले डबरा सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे और बाद में ग्वालियर ले गए जहां उसका इलाज जारी है। यह पूरी घटना वहां लगे सीसीटीवी में कैद हो गई। सीसीटीवी में साफ देखा जा सकता है कि जानवर कितनी बुरी तरीके से लड़े और युवक उनकी चपेट में आ गया। इस घटना में युवक तो घायल हुआ ही उसकी सोने चांदी की दुकान भी क्षतिग्रस्त हो गई।

सबसे बड़ी बात डबरा में जहां सड़क पर घूमते गाय, बैल और सांडों के कारण हादसे हो रहे हैं तो दूसरी ओर बंदरों का आतंक भी लगातार बना हुआ है। कई कालोनियां ऐसी है जहां बंदर आए दिन किसी न किसी को चोट पहुंचा रहे हैं। नगर की ऊषा कॉलोनी हो या फिर जवाहर गंज स्थित कॉलोनी, कई लोग बंदरों के काटने से परेशान हैं। सिविल अस्पताल डबरा में दो-चार दिन में एक न एक मरीज बंदर काटने के कारण पहुंच रहा है जो इस बात का प्रमाण है कि लोग बंदरों से परेशान हैं। यहां गौर करने वाली बात यह है कि नगर पालिका ने लाखों रुपए खर्च कर सिंध नदी के किनारे गौशाला इसलिए बनवाई थी वहां पर आवारा गोवंश को भेजा जाएगा। गौशाला में कर्मचारी भी है और चारा भी है, पर गायों को भेजने की जहमत कोई भी अधिकारी उठाने को तैयार नहीं। इन समस्याओं के प्रति डबरा नगरपालिका को और उनके जिम्मेदार अधिकारियों को संवेदनशील होना पड़ेगा तभी जाकर लोगों को कुछ राहत मिल पाएगी।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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