दमोह| गणेश अग्रवाल| एक दृष्टिबाधित युवती से एक सामान्य युवक के द्वारा लॉकडाउन (Lockdown) के इन दिनों में सामान्य रीति-रिवाज से विवाह किया गया| यह युवक शारीरिक रूप से सामान्य है और उसने इस दृष्टिबाधित युवती से विवाह कर यह संकल्प भी लिया है कि वह अपनी आंखों से अपनी पत्नी को संसार दिखाएगा| वही दृष्टिबाधित दुल्हन ने भी अपनी इस कमी को कमी ना मानते हुए हर किसी में कमी होने की बात कही, साथ ही वैवाहिक जीवन में आगे बढ़कर कुछ कर दिखाने का संकल्प लिया|
दमोह निवासी घनश्याम दुबे ने दमोह निवासी शिखा उमाहिया से सामान्य रीति रिवाज के साथ विवाह किया यह विवाह कई मायनों में खास है क्योंकि दुल्हन जन्म से दृष्टिबाधित है उसकी आंखें नहीं है वह इस संसार को देख नहीं पाती| वही दूल्हे द्वारा दुल्हन से यह वादा भी किया गया कि वह अपनी आंखों से अपनी पत्नी को विवाह के बाद पूरा संसार दिखाएगा|
दरअसल दुल्हन दृष्टि बाधित होने के बाद भी पढ़ी लिखी है साथ ही वह प्रोफेसर बनना चाहती है| सामान्य रीति रिवाज के साथ सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए विवाह की रस्मी निभाई गई| दूल्हे ने अपनी पत्नी का जीवन भर साथ निभाते हुए उसकी आंखों की रोशनी बनने का संकल्प लिया तो वही दुल्हन ने अपनी पढ़ाई को पूरा करते हुए एक मुकाम हासिल करने का संकल्प लिया |