दमोह, गणेश अग्रवाल। दमोह (Damoh) जिले वन परिक्षेत्र क्षेत्र के अंतर्गत वन्य जीवों के शिकार के मामले सामने आ रहे हैं। वही वन्य जीवो पर अत्याचार के मामले का भी खुलासा हो रहा है। इसके साथ ही घायल होने के बाद वन्य जीवों को उपचार देने में हुई देर से उनकी मौत हो जाने के मामले भी उजागर हो रहे हैं। इस सप्ताह में दो वन्य जीवों के इसी तरह से काल के गाल में समा जाने का मामला सामने आया है।
दरअसल, जिले (Damoh) में इस सप्ताह दो वन्यजीवों की हादसों में मौत हो जाने का मामला सामने आया है। हालांकि इन दोनों ही मामलों में गलतियों की बात सामने आ रही है। लेकिन वन अधिकारी इससे इंकार कर रहे हैं। ताजा मामला काले हिरण की मौत का है। जिस हिरण को पटेरा परीक्षेत्र के अंतर्गत घायल अवस्था में पकड़ा गया था। जिसे गोली लगने की बात कहीं जा रही थी। जिसका इलाज पटेरा में किए जाने के बाद दमोह (Damoh) में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
इस मामले पर वन अधिकारी का कहना है कि गोली लगने का कोई मामला सामने नहीं है। हिरण घायल अवस्था में मिला था, जिसकी मौत हुई है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का खुलासा होगा। वहीं इसी सप्ताह एक गांव में एक मगरमच्छ के पकड़े जाने के बाद ग्रामीणों द्वारा मगरमच्छ को इतना परेशान किया गया, कि उसकी मौत हो गई। एक सप्ताह में दो वन्यजीवों की मौत और मौत के कारणों का खुलासा ना होना वन अमले की कार्रवाई पर सवाल खड़े करता है, साथ ही आम ग्रामीणों की वन्य जीवो के प्रति संवेदनहीनता भी दर्शाता है।