दमोह की सीतानगर सिंचाई परियोजना पर किसानों ने लगाई थी याचिका, अब हाईकोर्ट ने दिया स्थगन आदेश

दमोह, आशीष कुमार जैन। दमोह (Damoh) के पथरिया विधानसभा अंतर्गत आने वाली सीतानगर सिंचाई परियोजना पर किसानों द्वारा एक याचिका दायर की गई थी। जिसमें किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिलने और सिंचित भूमि को असिंचित बताकर बाजार मूल्य कम आंकने को लेकर पीड़ितों के द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर की थ। जो अब सरकार के गले की फांस बन रही है, एक तरफ हाईकोर्ट ने इस परियोजना के काम पर रोक लगाई है तो दूसरी तरफ सत्ता धारी दल के नेता ही अपनी सरकार के नुमाइंदों पर उंगली उठा रहे है। और कह रहे हैं कि किसानों के साथ जो गलत हो रहा है उसे सरकार को देखना चाहिए।

यह भी पढ़ें…WHO की चेतावनी- “अलग अलग वैक्सीन के डोज लेना हो सकता है खतरनाक”

एडवोकेट वरुण ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि दमोह जिले की एक चौथाई से ज्यादा आबादी की तकदीर बदलने की बात कह कर बीते सालों में सरकार ने एक बड़ी सिंचाई परियोजना सीतानगर परियोजना के नाम से शुरू की थी। इस परियोजना के तहत सरकार इसमे 518 करोड़ रुपये खर्च करने वाली है और इससे बीस हजार हेक्टेयर जमीन सिंचित होने के दावों के साथ 100 से ज्यादा गावों को लाभ मिलने के साथ पेयजल का इंतज़ाम भी होना है। लेकिन एम पी सरकार के नुमाइंदों की अनदेखी और गलत रवैये की वजह से ये परियोजना खटाई में पड़ती नज़र आ रही है। इस परियोजना के कारण ग्राम बरखेड़ा और चैनपुरा गांव जहां अलग बसाए जाएंगे वहीं ग्राम मैनवार और सुमेर गांव के लोगों की ज्यादा जमीन जाने और उचित मुआवजा ना मिलने के कारण लोगों ने याचिका दायर की थी और हाईकोर्ट ने उन्हें स्थगन दिया है।


About Author
Avatar

Harpreet Kaur