दमोह, गणेश अग्रवाल। जिले के ग्रामीण अंचलों में अव्यवस्थाओं के आलम के चलते नागरिकों को जहां परेशानियों का सामना करना पड़ता है, वहीं अंतिम संस्कार के लिए भी लोग एक गांव में सड़क किनारे ही शव जलाने मजबूर होते हैं। यह मामला सामने आने के बाद स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाजमी हो जाता है।
दरअसल, दमोह जिले से इमलिया घाट चौकी अंतर्गत आने वाले ग्राम अर्थ खेड़ा में रहने वाले जय राम साहू की मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार सड़क किनारे करना पड़ा। सड़क किनारे किए गए अंतिम संस्कार के बाद यह सवाल खड़ा हुआ कि ग्रामीणों को सड़क किनारे अंतिम संस्कार करने क्यों मजबूर होना पड़ा तो पता चला कि गांव का अंतिम संस्कार स्थल यानी शमशान घाट अवस्थाओं का शिकार है। पूरे गांव से निकलने वाला नालियों के जरिए यहां पहुंचता है, जिससे वहां कीचड़ हो गई है। इसके साथ ही पास ही बना दिए गए शासकीय माध्यमिक शाला की बाउंड्री वॉल के कारण जलभराव के हालात खत्म नहीं होते, जिससे ग्रामीणों को अपने खेत पर या गांव में जहां भी स्थान मिलता है वहां अंतिम संस्कार करना पड़ता है। यही कारण है कि गांव में हुई मौत के बाद सड़क के किनारे अंतिम संस्कार कर दिया गया, ऐसे में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं तो यहां पर लोग ऐसा करने के लिए मजबूर नजर आ रहे हैं।