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दतिया कलेक्टर संजय कुमार ने इससे पहले कोरोना कर्फ्यू को बढ़ाने को लेकर कहा था कि ‘जिले में कोरोना की चैन को तोड़ना है। बता दें कि जिले में घर-घर जाकर सर्वे का कार्य भी शुरू हो गया है, जिसके तहत अगर लोगों में जुकाम और बुखार समेत कोरोना के लक्षण दिखेंगे तो उनका सैंपल लिया जाएगा। ऐसे वार्ड जहां संक्रमित मरीजों की अधिक संख्या मिल रही है उस क्षेत्र में कोरोना की चैन को तोड़ना है, जिसके शीघ्र ही परिणाम प्राप्त होगा। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोविड केयर सेंटर बनाए गए हैं। इन केंद्रों पर मरीजों को समुचित उपचार के साथ मूलभूत सभी व्यवस्थाएं भी मिलेंगी।
यह है आदेश में
कोरोना कर्फ्यू में किसी भी व्यक्ति को अपने घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी। जिले की सभी सीमाएं सील की गयी हैं। साथ ही परिवहन और लोगों का आवागमन के लिए नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य होगी। जिले में शासकीय वाहनों और एम्बुलेंस, फायर बिग्रेड, सफाई वाहन को छोड़कर सभी सार्वजनिक और निजी वाहनों, बस, ऑटो, कैब, टैक्सी के परिवहन पर रोक लगा दी गई है।इमरजेंसी ड्यूटी वाले शासकीय कर्मचारी को कोरोना कर्फ्यू का पालन नहीं करना होगा, लेकिन कर्मचारियों को अपने साथ शासकीय पहचान-पत्र रखना होगा। घर-घर जाकर दूध बांटने वाले दूध वाले तय समय के लिए प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे। यह आदेश जिले की आवश्यक सेवाओं मेडिकल दुकानों, अस्पताल, राजस्व, पुलिस, दूरसंचार, नगरपालिका, पंचायत पर लागू नहीं रहेंगे।