दतिया। सत्येन्द्र रावत।
जिले में शीत ऋतु के हिसाब से ग्रामीण क्षेत्रों में रवि फसलों का सीजन चल रहा है। जिसमें किसान खेती किसानी में व्यस्त है और अपनी मेहनत से खेतों में गेहूं की फसल को तैयार कर रहा है। जिसके चलते पूरे जिले में गेहूं की फसल है पैदा की जा रही है, वहीं दूसरी तरफ सिंचाई विभाग की अनदेखी की वजह से कई किसान बर्बादी का शिकार हो रहे हैं। ताजा मामला ग्राम सुनार का है, जहां सिंध नहर परियोजना की सब माइनर के क्षतिग्रस्त होने से ग्राम सुनार के लगभग डेढ़ सौ बीघा के क्षेत्रफल में पानी भर गया। पानी भरने से गेहूं की फसल बर्बाद एवं नष्ट हो गई है। पानी की भराव को देखा जाए तो कई खेतो में 1 मीटर तक पानी भर गया है। जिससे ग्राम सुनार के किसान सिंचाई विभाग की लापरवाही एवं अनदेखी को कोसते नजर आ रहे हैं।
ऐसा नहीं है कि किसानों ने ग्राम सुनार में फूटी नहर क्षतिग्रस्त होने की शिकायत सिंचाई विभाग से नहीं की हो। कई बार किसानों द्वारा शिकायत एवं आवेदन देने के पश्चात भी इस समस्या पर कभी ध्यान नहीं दिया गया है। जिसके वजह से इस वर्ष रवि सीजन में ग्राम सुनार के किसानों द्वारा वोई गई गेहूं की फसल खेत में पानी भरने से नष्ट हो गई है। किसानों के अनुसार बताया जा रहा है कि लगभग खेतों में पानी भरने से डेढ़ सौ बीघा की फसल नष्ट हो गई है। ऐसी स्थिति में किसान अपने कर्मों पर हाथ धरकर सरकार के प्रशासनिक अधिकारियों और लापरवाह अधिकारियों को कोसते हुए मुआवजे की आस लगाए हुए बैठा है।
जानकारी के अनुसार रवि सीजन के मुताबिक पूरे जिले में मटर, सरसों, चला, मसूर के अलावा गेहूं की फसल पूरे जिले में किसानों द्वारा पैदा की जाती है और इस बार भी जिले के अधिकतर किसानों ने अपने खेतों में गेहूं की फसल की वोवनी की है। उल्लेखनीय है कि जिले में विगत दो दिन पहले 24 घंटे के अंतराल में मौसम के बिगड़ने से लगातार रुक रुक कर बारिश हुई। उसके साथ ही सिंचाई विभाग का नहरो में पानी चलता रहा। जिसके कारण ग्राम सुनार के किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ी है। वेमोसम वारिश होने के बाद शुक्रवार तक जल संसाधन विभाग की सिंध परियोजना की नहरों में पानी चलने से ग्राम सुनार में फूटी पड़ी सब माइनर से सुनार के लगभग 15 किसानों के खेतों में पानी भर गया और खेतो में खड़ी फसल पानी डूब जाने से नष्ट हो गई।
किसानों का कहना है
किसानों ने नहर के फूटे होने से खेतों में पानी भर जाने से अपनी बर्बादी का रोना रोते हुए बताया कि ग्राम सुनार में यह समस्या करीब बीते तीन वर्ष है। इसकी किसानों द्वारा सिंचाई विभाग को कई बार शिकायत की गई, किन्तु एक भी बार इस समस्या पर विभागीय अधिकारियों द्वारा ध्यान नही दिया गया। बल्कि इसके जबाब में विभागीय अधिकारी सिर्फ बजट न होने का रोना रोते रहे है। इसका खमियाजा ग्राम सुनार के किसानों को गेंहू की फसल बर्बाद होने के रूप में चुकाना पड़ा है।
इन किसानों के खेतो में भरा पानी
ग्राम सुनार में सब माइनर के क्षतिग्रस्त होने से बाबूलाल राजपूत, मातादीन राजपूत,केसर पाल, शशिकांत राजपूत, अमित राजपूत, राकेश गोस्वमी, रामेश्वर राजपूत, किशोर सिंह, अरविंद राजपूत, ओमप्रकाश राजपूत, सुजैन सिंह राजपूत, प्रतिपाल राजपूत, संजय राजपूत, जितेंन्द्र राजपूत आदि किसानों के खेतो में पानी भर गया है। जिससे फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है।