Degree Scam Indore : इंदौर शहर में डिग्री स्कैम को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि इंदौर में सात निजी विश्वविद्यालय संचालित हो रहे हैं। दरअसल, राज्य शासन के अधीन आने वाले विश्वविद्यालयों की परीक्षा के साथ उसके मूल्यांकन और डिग्री देने की प्रोसेस पूरी निगरानी में की जाती है लेकिन निजी कॉलेजों को प्रवेश से लेकर परीक्षा और डिग्री देने के मामले में छूट दे रखी है। ऐसे में वह अपने हिसाब से प्रवेश से लेकर परीक्षा और डिग्री देने के लिए सब कुछ तय कर सकते हैं। इसी के चलते निजी कॉलेज रुपये के बल पर डिग्री देने की बात कर देते हैं। कई निजी कॉलेज पर इसका आरोप भी लगाया जा चुका है।
दरअसल, फर्जीवाड़े के आरोप ऐसे निजी विश्वविद्यालय पर लगाये जा रहे हैं जो पीएचडी, बीएड, लॉ करवाते हैं। क्योंकि बच्चे कॉलेज नहीं आ पाते हैं इसलिए कॉलेज वाले ज्यादा पैसे में डिग्री और परीक्षा देने की बात करते हैं। इसके अलावा बात करें पीएचडी की तो राज्य के विश्वविद्यालय में इसकी सीट लिमिटेड है। पीएचडी करने के लिए प्रवेश प्रक्रिया भी करना पड़ती है। लेकिन कुछ निजी कॉलेज है जो बिना प्रवेश परीक्षा और अंकों की अनिवार्यता के ही प्रवेश दे रहे हैं। दरअसल, इसके लिए राज्य के विश्वविद्यालयों में करीब 3 से 8 साल लग जाते हैं। लेकिन निजी कॉलेज पिछली तारीखों का रजिस्ट्रेशन दिखाकर तुरत-फुरत में पीएचडी की डिग्री दे देते हैं।
निजी कॉलेज में पढ़ने वालों की संख्या 3 लाख से ज्यादा –
जानकारी के मुताबिक, कुछ ऐसी मांगे भी देखी जा रही है जिसमें छात्र छात्राएं नियमित कक्षाएं नहीं लेना चाहते बिना पढ़े पास होकर डिग्री लेना चाहते हैं। ऐसा ही इंदौर के निजी कॉलेज में हो रहा है। निजी कॉलेज बच्चों को ना सिर्फ उपस्थिति से छूट दे रहा है बल्कि मनमाने अंकों से ला उत्तीर्ण करने की डिग्री भी दे रहा है। ये आंकड़ा सामने आया है कि निजी कॉलेज में पढ़ने वालों की संख्या 3 लाख से ज्यादा हो चुकी हैं। ये छात्र छात्राएं बीएड-एमएड, पीएचडी, इंजीनियरिंग, प्रबंधन और लॉ की पढ़ाई निजी कॉलेज से कर रहे हैं। इंदौर में ये पढ़ाई करने के लिए धार, झाबुआ, खंडवा खरगोन के विद्यार्थी सबसे ज्यादा है।
डिस्क्लेमर : ये लेख जानकारी आधारित है। हम इसकी पुष्टि का दावा नहीं करते हैं।