श्री सिद्धिविनायक गणेश मंदिर में लगा भक्तों का तांता, राजा परीक्षित और पांडवों के काल का माना जाता है ये मंदिर

Lalita Ahirwar
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देवास, अमिताभ शुक्ला। पूरे देश-प्रदेश में आज गणेश चतुर्थी की धूम है। आज से 10 दिवसीय इस उत्सव की शुरुआत हो चुकी है। वहीं देवास के करीब स्थित ग्राम नागदा में श्री सिद्धि विनायक गणेश मंदिर में भी भक्त जन अपनी मनोकामनाएं लेकर पहुँच रहे हैं। श्री सिद्धि विनायक भगवान गणेश का यह मंदिर कई वर्षों से प्राचीन है और यहां कि मान्यता है कि यह मंदिर पांडव और राजा परीक्षित कालीन का मंदिर है।

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यहां पूरे साल गणेश जी के दर्शन के लिये भक्त व श्रद्धालु अपनी मुराद लेकर पहुचते हैं। वहीँ आज गणेश चतुर्थी महापर्व मौके पर यहाँ भक्तों का तांता लगता दिख रहा है। कोरोना संकट के चलते यहां भक्त कम संख्या में पहुंच रहे हैं। वहीं कोरोना गाइडलानइस का पालन करते हुए भक्त दर्शन कर रहे हैं। मंदिर परिसर में सोशल डिस्टेंस के साथ पूजन क्रिया और दर्शन किया जा रहा है।

भक्तों के अनुसार इस अतिप्राचीन मंदिर में जो भी अपनी मनोकामना मांगते हैं वह अवश्य पूर्ण होती है। बताया जाता है कि ये मंदिर राजा परीक्षित के समय का भी है। मंदिर के सामने एक जल कुंड भी है जिसके जल को अति सिद्ध माना जाता है। यहां की मान्यता है कि इस सिद्ध पानी से सफ़ेद दाग जैसे रोग दूर हो जाते हैं, साथ ही जिन महिलाओं को स्तनपान संबंधी समस्या रहती है वह भी दूर हो जाती है। यहां मंदिर के प्रांगण में एक पेड़ में भगवान श्री गणेश की स्वयंभू प्रतिमा भी विराजमान है,जहाँ पर भी पहुंचकर भक्त दर्शन का लाभ लेते हैं।

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मन्दिर के पुजारी मनीष दुबे का कहना है, कि गणेश चतुर्थी के अवसर पर पूरे 10 दिन तक हवन भी किया जाएगा और विशेष पूजा अर्चना के साथ साथ भगवान गणेश से यही प्रार्थना की जा रही है। सभी की कामना है कि जल्द से जल्द कोरोना महामारी पूरे देश और विश्व से पूरी तरह से चली जाए और सभी स्वस्थ और निरोगी हो जाएं।

बता दें, इस मन्दिर के स्थान के आसपास नागदा की पहाड़ी भी है और आसपास मोर पक्षी और चिड़ियों का कलरव भी सुना जा सकता है। सामने पानी का कुण्ड, आसपास पक्षियों के चचहाने की आवाज़ यहां पहुंचे भक्तों का तनाव दूर कर देती है। यहाँ आकर भक्त दर्शन का लाभ तो लेते ही हैं साथ ही प्रकृति की गोद में बैठकर एक अलग ही सुख का अनुभव भी मिलता है।


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