देवास, अमिताभ शुक्ला। गणेशोत्सव का समय चल रहा है, पूरे देश में लोग भगवान गणेश की आराधना में जुटे हुए है। देवास में एक ऐसा भगवान गणेश का प्रसिद्ध मंदिर है जो अपने अनोखे इतिहास और मान्यता के कारण सिर्फ जिले में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध है।
देवास का प्राचीन महादेव का मंदिर यूं तो भोलेनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है पर जिले के बालगढ़ रोड़ पर स्थित इस मंदिर की विशेषता यह भी है कि भगवान श्री गणेश यहां पूरे परिवार सहित विराजमान है ।भगवान गणेश की दोनों पत्निया रिद्धि – सिद्धि व दोनों पुत्र शुभ लाभ व उनका वाहन मूषक की प्रतिमा यहाँ विराजित है ।साथ ही भगवान भोलेनाथ और माता पार्वतीजी का भी मन्दिर यहाँ मौजूद है ।
इस मंदिर की एक और विशेषता यह भी है,कि इस मंदिर में अनेको सन्तों ने यहां पर वर्षो तक साधना की है और साधना करते हुए कई सन्तों ने अपने प्राण यहां त्याग दिए है । कई संतो की समाधि भी यहाँ मौजूद है ।
मंदिर के प्रांगण में जायेगे संत श्री बालकदासजी की समाधि स्थल भी यहां मौजूद है,जिंहोने यहां वर्षो तपस्या की और यही वजह है कि यहां की समिति का नाम संत श्री बालकदास गणेश उत्सव समिति रखा गया है ।
दस दिन तक मन्दिर में हवन का भी आयोजन किया जा रहा है और विशेष पूजा अर्चना का दौर ज़ारी है,जिसके चलते भगवान श्री गणेश का विशेष श्रृंगार भी यहां आपको देखने को मिलेगा और मंदिर में विद्युत साज सज्जा के साथ ही फूलो की साज सजावट भी मन मोह लेने वाली है ।
यहां आने वाले श्रद्धालु खुद बताते है,कि यह बहुत ही सिद्ध स्थान है और भगवान श्री गणेश सपरिवार विराजित है । एक श्रद्धालु इस मन्दिर को करीब 100 साल से भी अधिक प्राचीन मन्दिर बताते हुए कहते है कि प्रतिवर्ष यहां इस समय भक्तो का ताता लगा रहता है,लेकिन कोरोना के चलते कम ही लोग दर्शन करने आ रहे है।साथ ही आरती और हवन में सोशल डिस्टेंस का विशेष ध्यान रखा जाता है।इतना ही नही मन्दिर के गेट पर ही सेनेटाइज़र की भी व्यवस्था की गयी है ।