धार, डेस्क रिपोर्ट। आखिरकार पिछले तीन दिनों से पूरे देश में सुर्खियों में बना मध्यप्रदेश के धार का कारम डेम सफलतापूर्वक खाली करवा लिया गया, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की दिन रात की अथक मेहनत रंग लाई और डेम टूटने से बच गया और वैकल्पिक तरीके से बनाई गई व्यवस्था से खाली हो गया, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राहत की मुस्कुराहट के साथ लोगों से अपील की है कि खाली कराए गए 18 गांव के लोग प्रशासन के साथ अब अपने घरों में जा सकते हैं और आजादी का अमृत महोत्सव अपने गांव अपने घर में मना सकते है। मुख्यमंत्री ने कहा-संकट टल गया है, पानी का डिस्चार्ज बहुत कम हो गया है, धीरे धीरे खत्म हो जाएगा,बताते हुए प्रसन्नता है कि अब कोई संकट नहीं है, प्रभावित गांव के लोग प्रशासन के साथ गांव में जाने की योजना बना सकते हैं, कल आजादी का अमृत महोत्सव अपने गांव में अपने घर में मनाए, आपदा प्रबंधन का सबसे उत्तम उदाहरण है कि कारम बांध के लीकेज की स्थिति से निपटने के लिए जो प्रयास किए गए वह सफल हुए, गौरतलब है कि डेम में लीकेज की खबर 12 अगस्त को सामने आने के बाद से ही खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल वल्लभ भवन में बैठकर लगातार धार और खरगोन के आला अधिकारियों से बातचीत कर रहे थे, पल पल की जानकारी ले रहे थे इसके साथ ही किसी भी हाल में डेम को टूटने से बचाने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर नजर बनाए हुए थे, फिलहाल डेम को टूटने से बचाने के लिए नहर बनाकर पानी निकाला जा रहा था जिसके बाद दोपहर तक नहर से पानी धीरे धीरे निकल रहा था लेकिन शाम होने से पहले ही पानी का बहाव एक दम से बढ़ा और फिर तेजी से पानी इस नहर से बाहर आ गया।
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एहतियात के चलते पहले ही बांध की रेंज में आने वाले गांवों खाली करवा लिए गए थे पिछले तीन दिनों से प्रशासन और पुलिस के साथ ही शिवराज केबिनेट के दो मंत्री तुलसी सिलावट और राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव मौके पर मौजूद रहकर लोगों को अन्य स्थानों पर भेज रहे थे, इसके साथ ही खुद मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की थी कि वह चिंता न करे, खुद शिवराज और सरकार उनके साथ है, सरकार का पहला काम लोगों की जान बचाना है और किसी भी प्रभावित को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा, फिलहाल अब बांध पूरी तरह खाली हो गया है इसके साथ ही एक बड़ा खतरा टल गया है, साफ समझा जा सकता है कि खुद मुख्यमंत्री कल रात 3 बजे तक वल्लभ भवन में मौजूद रहकर अधिकारियों के साथ इस पूरे मामलें में अपडेट ले रहे थे वही सुबह 6 बजे से सीएम शिवराज फिर आला अधिकारियों के साथ बांध को टूटने से बचाने के प्रयासों में जुट गए थे, गौरतलब है कि बांध को टूटने से बचाने के लिए दिल्ली सहित अन्य राज्यों के एक्सपर्ट की टीम मौके पर डटी थी वही सेना की एक कंपनी और वायुसेना के हेलिकाप्टर भी मौके पर मुस्तैद थे इसके साथ ही NDRF और SDRF की टीमें भी पिछले तीन दिन से इस जगह पर मौजूद थी। फिलहाल एक बड़ा खतरा टल जाने सभी ने राहत की सांस ली है।
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बताया जा रहा है कि बांध को टूटने से बचाने के इस मिशन में न सिर्फ मध्यप्रदेश के एक्सपर्ट और आला अधिकारी जुटे थे बल्कि आईआईटी रुड़की सी डब्ल्यू सी एक्सपर्ट का भी ओपिनियन लिया जा रहा था, बांध लीकेज की घटना सामने आने के बाद योजनाबद्ध तरीके से काम करते हुए आपदा प्रबंधन का यह अनुपम उदाहरण सामने आया है वही बांध के लीकेज को रोकने की बजाए बायपास का प्लान बनाते हुए नियंत्रित ढंग से साइड चैनल निर्माण किया गया जिससे योजनबद्ध तरीके से विशेषज्ञों की निगरानी में बांध के पानी की निकासी की गई, आशंका थी कि पानी की यह निकासी कुछ घंटों बाद जोर पकड़ेगी और तेज प्रवाह के साथ बांध का पानी इससे बाहर निकलेगा और इसी तरह से यह पूरा घटनाक्रम हुआ और बांध का अथाह जल तेज प्रवाह से बनाई गई निकासी से बाहर निकला, प्रशासन ने पहले ही बांध के आसपास के ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया था वही गांवों को खाली करवा लिया था लोगों के साथ ही पशुधन को भी सुरक्षित स्थानों में पहुंचा दिया गया जिससे जनहानि होने से बच गई। इस पूरे मामलें में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर अहम भूमिका निभाते हुए साबित कर दिया कि वह प्रदेश की जनता के साथ हर हाल में खड़े है।