धार, डेस्क रिपोर्ट। धार जिले के कुक्षी में पिछले दिनों शराब माफिया (liquor mafia) के हमले पुलिस ने इंदौर के शराब कारोबारी रिंकू भाटिया को भी आरोपी बनाया है , पुलिस ने उसके घर पर दबिश दी लेकिन वो फरार हो गया उसके बाद पुलिस ने रिंकू भाटिया पर 10 हजार रुपये का इनाम घोषित कर (10 thousand reward on liquor businessman Rinku Bhatia) दिया है।
अवैध शराब पर लगाम लगाने और माफिया को कुचलने के सरकारी दावों में कितनी हकीकत है ये IAS अधिकारी एसडीएम धार नवजीन पंवार (Attack on IAS officer SDM Dhar Navjin Panwar) और उनके साथ मौजूद तहसीलदार राजेश भिड़े पर पिछले दिनों हुआ हमला (IAS attack case) बताता है। दोनों अधिकारी अवैध शराब की सूचना पर कार्यवाही के लिए गए थे।
शराब माफिया के हौसले इतने बुलंद थे कि उन्होंने दोनों अधिकारियों के साथ सिर्फ मारपीट ही नहीं की बल्कि उनका अपहरण करने का प्रयास भी किया। आरोपी दोनों अधिकारियों को गाड़ी में बंधक बनाकर ले जा रहे थे लेकिन पुलिस द्वारा पीछा करने के कारण उन्हें छोड़कर भाग गए।
पुलिस ने पीछा कर ट्रक को पकड़ा उसमें 855 पेटी शराब मिली, पुलिस ने ट्रक लेकर जा रहे ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया, इस मामले एक आरोपी पूर्व मंत्री भाजपा नेत्री रंजना बघेल का भांजा सुखराम कनेश है जिसके खिलाफ कार्यवाही के लिए खुद रंजना बघेल ने एसपी को फोन किया।
पुलिस ने जब जांच शुरू की तो पता चला कि जिस शराब को लेकर सुखराम जा रहा था वो बड़वानी से रिंकू भाटिया के ठेके से ही निकली थी इसे दूसरी जगह पहुँचाया जा रहा था, कनेक्शन सामने आने के तुरंत बाद पुलिस ने रिंकू भाटिया को भी आरोपी बनाया और कल 20 सितम्बर को देर रात इंदौर में उसके ठिकाने पर दबिश दी।
लेकिन इसकी भनक रिंकू भाटिया को पहले ही मिल गई और वो फरार हो गया , उसने मोबाइल भी स्विचऑफ कर लिया जिससे लोकेशन ट्रेस न हो सके। पुलिस को जब रिंकू भाटिया नहीं मिला तो उसके ऊपर 10 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....