धार, डेस्क रिपोर्ट। अब धार के कारम नदी पर बने डेम को लेकर राजनीति शुरू हो गई है, पिछले तीन दिनों तक पूरे देश में सुर्खियों में छाए रहने वाले कारम डेम को देखने और बांध प्रभावित लोगों से मिलने कमलनाथ पहुंचे है, बांध में हुए लीकेज के बाद बने हालातों से प्रभावितों से मिलने मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ मंगलवार को धार जिले पहुंचे, यहाँ वह जिले की धरमपुरी तहसील के कोठिदा गांव में कारम नदी पर बनाए जा रहे डेम को देखने पहुंचे। इसके बाद वह प्रभावित परिवारों से मुलाकात के लिए रवाना हो गए। कमलनाथ प्रभावित परिवारों से मिले और नुकसान की जानकारी ली।
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गौरतलब है कि कारम डैम में रिसाव शुरू होने के बाद कांग्रेस ने लगातार ट्वीट कर प्रदेश सरकार पर हमला बोला था और गंभीर आरोप लगाए थे, इस मामलें के सामने आने के बाद पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट़वीट कर सरकार पर सवाल खड़े कर दिए थे, कांग्रेस ने बांध लीकेज मामलें में आठ सदस्यीय दल बनाया गया है। जो जांच करेगा कि आखिर किसकी गलती की वजह से यह पूरा मामला हुआ, इस दल में धार जिलाध्यक्ष बालमुकुंदसिंह गौतम, गंधवानी विधायक उमंग सिंघार, कुक्षी विधायक सुरेंद्रसिंह हनी बघेल, इंदौर विधायक संजय शुक्ला, देपालपुर विधायक विशाल, सरदारपुर विधायक प्रताप ग्रेवाल, धरमपुरी विधायक पांचीलाल मेड़ा, मनावर विधायक हीरालाल अलावा को शामिल किया गया था, सभी सदस्य निरीक्षण कर डैम की स्थिति देख चुके है। ऐसे में अब कांग्रेस नेता अपनी रिपोर्ट भी पूर्व मुख्यमंत्री को सौंपेंगे।
आज मध्यप्रदेश के धार ज़िले के कारम नदी पर क्षतिग्रस्त हुए बांध का अवलोकन किया।
जिले की धरमपुरी तहसील के दूधी गांव में पहुंच कर प्रभावित ग्रामीणजनो से मुलाक़ात की, हालातों की वास्तविकता जानी। pic.twitter.com/qaLxvBQ3GH
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 16, 2022
यह थी घटना
धार जिले के धरमपुरी तहसील के कोठिदा गांव में कारम नदी पर बनाए जा रहे डैम की साइड वॉल में दरार नजर आई थी 12 अगस्त को यह दरार नजर आने के बाद इसे सुधारने की कवायद शुरू हो गई थी लेकिन 50 घंटों की अथक मेहनत के बाद भी यह ठीक नहीं हो पाई थी जिसके बाद कच्ची नहर बनाकर पानी को निकाला गया था, तीन दिनों तक न सिर्फ आसपास के हजारों लोगों की बल्कि सरकार और प्रशासन की भी साँसे फूल गई थी, लेकिन वैकल्पिक नहर से निकाले गए पानी ने बांध को टूटने और भारी नुकसान से बचा लिया था बांध का पानी तेज बहाव से धार और खरगोन के गांवों से होता हुआ महेश्वर में नर्मदा में मिल गया था।