Dindori News: मध्यप्रदेश के डींडौरी जिले में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 224 जोड़ों का विवाह होना था। लेकिन 5 दुल्हनों का प्रेग्गनेंसी टेस्ट कराने के बाद जोड़ों को अपात्र घोषित कर दिया, केवक 219 जोड़े की सामूहिक विवाह में शामिल हो पाएं। जिसपर पूरे प्रदेश मे बवाल हो गया है। यह मुद्दा राजनीतिक बन चुका है। कॉंग्रेस ने शादी के पहले दुल्हनों का प्रेग्नेंसी टेस्ट कराने के फैसले को लड़कियों का अपमान बताया है।
शनिवार को डींडौरी के गाड़ासरई कस्बे में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सामूहिक विवाह का आयोजन हुआ था। मुख्य चिकित्सक अधिकारी रमेश मरावी के मुताबिक आयोजन में शामिल होने वाली लड़कियों का प्रेग्नेंसी टेस्ट करने के निर्देश दिए गए थे, जिसका पालन उन्होनें किया है। इस मामले में कलेक्टर विकास मिश्रा का कहना है कि लड़कियां पहले से ही शादीशुदा थी।
कलेक्टर ने कहा कि, “सामूहिक विवाह सम्मेलन से पहले सिकलसेल और एनीमिया का टेस्ट करवाया जाता है। जांच के दौरान पाँच लड़कियों ने बताया की उनके पिरियड्स मिस हो रहे हैं। जिसके बाद उनका प्रेग्नेंसी टेस्ट किया गया और रिपोर्ट पॉजिटिव आई।” कलेक्टर के मुताबिक लड़कियों ने बताया की उनकी शादी पहले हो चुकी है, जिसके बाद उन्हें योजना के लिए अपात्र घोषित किया गया।
इस मुद्दे को करने कॉंग्रेस और भाजपा के बीच राजनीति जंग छिड़ चुकी है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट करके मुख्यमंत्री से इस मामले पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होनें विवाह से पहले लड़कियों का प्रेग्नेंसी टेस्ट कराने के फैसले को बेटियों का घोर अपमान बताया है और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। दूसरी तरफ भाजपा जिला अध्यक्ष ने कॉंग्रेस पर राजनीति करने के आरोप लगाए हैं।