अजब MP का गजब शिवराज! घोड़ी पर बैठकर स्कूल जाता है पांचवी का छात्र, वजह हैरान कर देगी

खंडवा,डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश जितना अजब है उतने ही गजब यहां के किस्से हैं। अक्सर छोटे बच्चे स्कूल (School) जाने के लिए या तो साइकिल (Cycle) का उपयोग करते हैं या तो फिर किसी और माध्यम जैसे कि स्कूल बस, स्कूल वैन, ऑटो से स्कूल पहुंचते हैं, लेकिन हम जिस पांचवी कक्षा में पढ़ने वाले छात्र की बात कर रहे हैं वह स्कूल (School) ना तो साइकिल से जाता है ना ही पैदल, वह घोड़ी पर बैठकर डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित स्कूल पहुंता है। दरअसल खंडवा (Khandwa) के बोराड़ीमाल के रहने वाले किसान देवराम यादव का 12 साल का बेटा शिवराज (Shivraj) कक्षा पांचवी में पढ़ता है। शिवराज का किड्स पब्लिक स्कूल (Kids Public School) गांव से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर है। शिवराज रोज घोड़ी पर बैठकर अपने स्कूल जाता है।

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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।