कटनी मामला: पीड़ित परिवार की रिपोर्ट राजनामचे में दर्ज, संबंधित स्टेशन को भेज कराई जाएगी एफआईआर

पटवारी ने यह भी बताया है कि अगर जरूरत पड़ती है तो कांग्रेस सीनियर एडवोकेट विवेक तंखा के माध्यम से न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएगी

Gaurav Sharma
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Katni GRP Case : आखिरकार कटनी मामले में F.I.R दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह प्रक्रिया मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी की भूख हड़ताल की चेतावनी के बाद शुरू की गई है। इस मामले में अब पीड़ित दलित परिवार की शिकायत पर कटनी पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट रोज नामाचे पर दर्ज कर ली गई है और इसे संबंधित थाने भेजने की कार्यवाही शुरू कर दी है।

इस पूरे मामले की जानकारी कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और सीनियर नेता विवेक तंखा ने भी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दी है। तंखा ने इस मामले में बताते हुए लिखा है कि “कटनी दलित FIR इशू नई “भारतीय नागरिक सुरक्षा सहित” के प्रावधानों के तहित सुलझा। कटनी पुलिस स्टेशन ने पीड़ित दलित परिवार की रिपोर्ट रोज़नामचा में दर्ज कर , इसे संबंधित पुलिस स्टेशन में भेजने की कार्यवाही प्रारंभ कर दी। DIG, IG aur DG railways ने विषय की गंभीरता समझी।”

2023 का है यह पूरा मामला

आपको बता दें कटनी का यह मामला अक्टूबर 2023 का है, इस वीडियो में जीआरपी थाना प्रभारी और कुछ आरक्षक एक महिला और युवक को बेरहमी से पीटते हुए नजर आ रहे हैं। हालांकि थाना प्रभारी और आरक्षकों को सीएम मोहन यादव के निर्देश के बाद निलंबित कर दिया है लेकिन कांग्रेस इस मामले में एफआईआर दर्ज करने को लेकर अड़ी हुई है।

पटवारी की अधिकारी कर्मचारियों को चेतावनी

इस पूरे प्रक्रिया के बाद जीतू पटवारी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रदेश के अधिकारी कर्मचारियों को की चेतावनी दी है। पटवारी ने इस बात को लेकर कहा है कि “जो भी अधिकारी कर्मचारी बीजेपी की नौकरी करता हुआ नजर आएगा, कांग्रेस का कार्यकर्ता उसका तिरस्कार करेगा और उसके खिलाफ सड़कों पर उतरेगा। पटवारी के प्रदेश के प्रशासन को नियम और कानून से काम करने की सलाह दी है। 

मामले को लेकर जीतू पटवारी मैं मीडिया का भी धन्यवाद किया है। पटवारी ने यह भी बताया है कि अगर जरूरत पड़ती है तो कांग्रेस सीनियर एडवोकेट विवेक तंखा के माध्यम से न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएगी।

कटनी से अभिषेक दुबे की रिपोर्ट


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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