Mon, Dec 29, 2025

ओंकारेश्वर बांध में पानी पर तैरते सोलर प्लांट से पैदा होगी बिजली, रोशन होगा मध्य प्रदेश

Written by:Ayushi Jain
Published:
ओंकारेश्वर बांध में पानी पर तैरते सोलर प्लांट से पैदा होगी बिजली, रोशन होगा मध्य प्रदेश

Floating Solar Power Plant : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत नर्मदा नदी पर बनाए जा रहे ओंकारेश्वर बांध में पानी के ऊपर तैरते सोलर प्लांट से बिजली उत्पादन की जाने वाली है। दरअसल, अब तक ओंकारेश्वर बांध के पानी से बिजली पैदा की जा रही थी इसके लिए हाइडल पावर प्लांट की तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा था। इतना ही नहीं इसी तकनीक से विद्युत उत्पादन किया जा रहा है। लेकिन अब इस तकनीक के साथ पानी के ऊपर तैरते सोलर प्लांट से भी बिजली उत्पाद की जाएगी।

आपको बता दे, ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट की लागत करीब 3000 करोड़ रुपए है। खास बात ये है कि खंडवा एक मात्र ऐसा जिला है जो कोयला, पानी और सोलर से बिजली पैदा कर रहा है। अब वो दिन भी दूर नहीं जब ये पानी में तैरते सोलर प्लांट बिजली पैदा करेंगे। इसको लेकर अभी काम तेजी से किया जा रहा है। जल्द ही 600 मेगावाट बिजली उत्पादन शुरू किया जाने वाला है।

अगर ऐसा हो गया तो मध्यप्रदेश एक ऐसा राज्य बन जाएगा जो देश के अन्य राज्यों में बिजली देने के काबिल रहेगा इतना ही नहीं ये बिजली के संकट से भी दूर रहेगा। खास बात ये है कि नर्मदा नदी पर बने पानी में तैरते सोलर प्लान दुनिया के सबसे बड़े प्लांट में से एक है। इसकी वजह से जल्द ही मध्यप्रदेश को देश में ‘बिजली राजधानी’ का दर्जा सकता है। इस प्रोजेक्ट को ‘हार्ट ऑफ इंडिया’ के साथ ही ‘लंग्स ऑफ इंडिया’ के रूप में जाना जाएगा।

जानें Floating Solar Power Plant की खासियत

अभी ओंकारेश्वर बांध में 12 वर्ग किमी के दायरे में पानी की सतह पर सोलर प्लेट लगाए गई है। इसकी मदद से 70 फीसदी पानी का वाष्पन रोका जा सकता है क्योंकि अभी तक 14.4 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी भाप बन जाता है। इतना ही नहीं सोलर पैनल लगा कर बिजली का उत्पादन किया जाएगा। पैनल को एक दूसरे के साथ जोड़ते हुए लगाया जा रहा है ताकि पानी का तेज बहाव भी हुआ तो ये उड़ ना सके।

आंधी-तूफान और तेज बहाव की स्थति में भी ये वैसे ही रहेंगे। सबसे पहले तीन चरणों में बिजली उत्पादन शुरू होगा। पहले चरण में ही 278 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। ये प्लांट दुनिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्लांट होगा। मप्र का खंडवा जिला देश का एक मात्र ऐसा जिला होगा जो थर्मल यानी कोयला, हाइडल यानी पानी और सोलर से बिजली का उत्पादन करेगा।