पूर्व नेता प्रतिपक्ष का सीएम शिवराज पर तंज,कहा- जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करें बंद

Gaurav Sharma
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सीधी,पंकज सिंह। मप्र विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने शिवराज सरकार पर गंभीर आरोप लगते हुये कहा है कि मध्यप्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत भोली भाली जनता को वह चावल दिया जा रहा है जो गधे घोड़ों, भेड़ बकरियों और मुर्गियों को खिलाने लायक है | उन्होंने पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग करते हुये दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है| सिंह ने कहा कि ऐसा लगता है कि शिवराज सरकार ने मध्यप्रदेश के जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने का हक प्राप्त कर लिया है|

अजय सिंह ने कहा कि यह तथ्य उजागर करते हुये केंद्र ने मध्यपदेश सरकार को प्रदेश में इस चावल के वितरण पर तत्काल रोक लगाने के निर्देश देते हुये, चावल सप्लाई करने वाली राइस मिलों को ब्लैक लिस्टेड करने के लिए लिखा है| लेकिन प्रदेश सरकार इस चावल को खपाने के लिए तीन सितंबर से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत 37 लाख नये हितग्राहियों को समारोह पूर्वक पात्रता पर्ची का वितरण करने जा रही है|

पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कोरोना काल में जब फिजिकल डिस्टेन्स की बात करना चाहिए तब शिवराज जी समारोह कर पर्चियां बांटने के निर्देश सभी कलेक्टरों को दे रहे हैं| शिवराज ने इसके लिए बाकायदा सहयोग की अपील जारी करते हुए सभी महापौरों, जिला और नगर पंचायत अध्यक्षों, जनपद पंचायत अध्यक्षों और पंच सरपंचों को पत्र भी भेजा है कि सभी हितग्राहियों को प्रति सदस्य एक रुपए प्रति किलो की दर से पांच किलो खाद्यान्न दिया जाएगा |पत्र लिखकर उन्होंने पंचायत राज अधिनियम (73 एवं 74 वें संशोधन) का भी उल्लंघन भी किया है क्योंकि पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा होते ही सभी पदाधिकारियों का कार्यकाल स्वत: ही समाप्त हो गया है | ऐसा करके उन्होंने पंचायत राज अधिनियम का मखौल उड़ाया है | जो व्यक्ति पद पर नहीं हैं, उन्हें पदनाम से पत्र कैसे लिख सकते हैं |

अजय सिंह ने अखबारों में प्रकाशित समाचारों का भी हवाला दिया | उन्होंने कहा कि विगत 30 जुलाई से 2 अगस्त के बीच केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय के डिप्टी कमिश्नर के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में एक टीम आई थी | इस टीम ने मण्डला और बालाघाट में 31 खाद्यान्न डिपो और एक उचित मूल्य की दुकान का निरीक्षण कर चावल के 32 सेंपल एकत्र किए थे| इनकी जांच कृषि भवन स्थित सेंट्रल ग्रेन एनालिसिस प्रयोगशाला में की गई थी | जांच में पाया गया कि यह चावल मानव उपयोग के लिए उच्च गुणवत्ता का नहीं है और यह पूरी तरह अनफ़िट और फीड कैटेगरी का है |

सिंह ने कहा कि केंद्र में डिप्टी कमिश्नर विश्वजीत हलधर ने प्रदेश सरकार को लिखा है कि चावल का सौ प्रतिशत स्टाक रिसायकिल्ड है और अत्यधिक खराब गुणवत्ता का है | इसे रखने के लिए उपयोग में लाये गए बैग्स भी दो-तीन साल पुराने हैं, इसलिए बचे हुये स्टाक को तत्काल विथहोल्ड किया जाये | अजयसिंह ने इस तथ्य पर भी आश्चर्य व्यक्त किया है कि प्रदेश में अचानक 37 लाख नये गरीब कहां से आ गए। यह तथ्य साबित करता है कि 14-15 साल की शिवराज सरकार में गरीबों संख्या लगातार बढ़ी है | गरीबी हटाने के उनके सारे कार्यक्रम फर्जी थे या फिर चुनाव जीतने के लिए गरीबों की संख्या का आकलन फर्जी है |


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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