ग्वालियर।
ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्रों के लिए खुशखबरी है, जीवाजी युनिवर्सिटी में जल्द ही छात्रों को अमेरिका, ब्रिटेन और बेल्जियम की यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और रिसर्च पढाएंगे। इन देशों से हुए करार के बाद जीवाजी युनिवर्सिटी के चयनित छात्रों को भी इन देशों में पढ़ने का मौका भी मिलेगा।
ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी प्रदेश की ऐसी पहली यूनिवर्सिटी होगी जिसमें अमेरिका के प्रोफेसर औऱ रिसर्चर छात्रों को पढ़ाएंगे। जीवाजी यूनिवर्सिटी अमेरिका के वर्जीनिया यूनिवर्सिटी से बी फार्मा और एम फार्मा कोर्स को लेकर करार करने जा रही है जिसमें अमेरिका की वर्जिनिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर वीडियो कॉन्फ्रेंस और स्मार्ट क्लास के जरिए फार्मेसी की क्लास लेंगे। इस संबंध में वर्जीनिया यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर ने जीवाजी यूनिवर्सिटी के कुलपति से मुलाकात कर इस कोर्स को जल्दी शुरू करने का प्लान तैयार किया है। इसके साथ ही इंग्लैंड और बेल्जियम के साथ भी करार हो रहा है, जिसके बाद इन देशों के प्रोफेसर और रिसर्चर भी जीवाजी के छात्रों को पढ़ाने आएंगे। करार होने के बाद इन देशों की यूनिवर्सिटी के छात्र एक दूसरे की यूनिवर्सिटी में जाकर अध्ययन भी कर सकेंगे।
इस करार के बाद इन देशों के छात्रों को एक दूसरे की शिक्षा और संस्कृति की जानकारी भी मिल सकेगी। वहीं यूनिवर्सिटी के छात्रों को अंतरराष्ट्रीय शोध तैयार करने में भी मदद मिलेगी। दोनों यूनिवर्सिटी में करार होने के बाद फॉर्मेसी में फार्मा डी और एम फार्मा कोर्स करने वाले स्टूडेंटओ को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें मेडिटेशन और योगा को भी शामिल किया जाएगा। चयनित छात्रों को इन देशों में पढ़ाई के लिए भी भेजा जाएगा, जिसके लिए जीवाजी युनिवर्सिटी आर्थिक मदद भी उपलब्ध कराएगी।जीवाजी के छात्र भी मानते है कि अमेरिका, इंग्लैड और बेल्जियम से करार के बाद स्थानीय छात्रों को फायदा होगा,. विदेश में पढ़ाई के साथ ही बेहतर रोजगार को अवसर भी मिलेंगे।
जीवाजी यूनिवर्सिटी प्रदेश की पहली ऐसी यूनिवर्सिटी बन जाएगी जहां विदेश के प्रोफेसर और रिसर्चर पढ़ाएंगे। इन देशों के साथ हुए करार पर ठोस अमल हुआ तो यूनिवर्सिटी की शिक्षा व्यवस्था और स्तर सुधरेगा साथ ही स्थानीय छात्रों को विदेश में पढ़ाई और रोजगार की उम्मीदे भी बढ़ेगी।