गुना: बायपास पर आमने-सामने टकराईं बाइक, पुलिस आरक्षक सहित दो युवकों की मौत

Manisha Kumari Pandey
Published on -

गुना, संदीप दीक्षित। गुना बायपास (Guna Bypass) पर टेकरी के नजदीक हुई एक सड़क दुर्घटनाओं में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। इस हादसे के दौरान रास्ते से गुजर रहा एक पिकअप भी पलट गया। मृतकों में शामिल एक युवक राजस्थान में पुलिस आरक्षक था, जो अपने साथियों के साथ हनुमान टेकरी मंदिर पर दर्शन कर लौट रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया है कि दुर्घटनाग्रस्त दोनों ही बाइक बेहद तेज रफ्तार में जा रही थीं और दोनों पर ही तीन-तीन लोग सवार थे। यह हादसा रविवार देर शाम को हुआ, जब बायपास पर आमने-सामने जा रही बाईक शुक्रवार देर शाम टकरा गईं। देखते ही देखते दोनों बाइक सवार सड़क पर जा गिरे, जिन्हें से तीन युवक खून से लथपथ नजर आ रहे थे।

यह भी पढ़े… Government Job: सॉफ्टवेयर इंजीनियर और असिस्टेंट डाटा एनालिस्ट के पदों पर निकली भर्ती, जाने डीटेल

जानकारी सामने आई है कि राजस्थान के छबड़ा में पदस्थ 27 वर्षीय आरक्षक अतर सहरिया अपने दो साथियों सोनू यादव और फूलचंद प्रजापति के साथ शनिवार दोपहर को गुना में हनुमान टेकरी के दर्शन करने निकला था। तीनों ने टेकरी पर दर्शन किए और वापस अपने घर राजस्थान की ओर ही जा रहे थे। इसी दौरान बायपास पर कुछ दूर निकलते ही सामने से आ रही एक बाइक से उनकी जोरदार भिड़ंत हो गई। हादसे के दौरान समीप से गुजर रहे पिकअप चालक ने अपना वाहन बचाने का प्रयास किया तो वह भी खाई जा गिरा। देखते ही देखते वाहनों का जमावड़ा बायपास पर लग गया था। थोड़ी देर में पुलिस भी पहुंच गई और घायलों को अस्पताल भिजवाया गया। लेकिन तब तक अतर सहरिया और सोनू यादव की मौत हो चुकी थी। वहीं फूलसिंह गंभीर घायल था। जानकारी मिली है कि अतर सहरिया की 2015 में शादी हुई थी और उसके दो बच्चे हैं। जबकि सोनू यादव मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था। पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है।


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"