अतिक्रमण मुक्त कराई जाएगी 900 बीघा जमीन, 60 बुलडोजर के साथ उतरा 600 लोगों का प्रशासनिक अमला

वन विभाग की जमीन पर कब्जा कर खेत बना लिए गए थे। वहीं जिन लोगों की निजी जमीन हैं, उनकी जमीनों को मिलने वाले पानी को भी इन अतिक्रमणकारियों ने अपने खेतों में मोड़ लिया था।

Amit Sengar
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Guna News : मध्य प्रदेश के गुना जिले के चांचौड़ा इलाके में वन विभाग, राजस्व और पुलिस की संयुक्त टीमों ने आज (गुरुवार) लगभग 900 बीघा जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया गया। यह जिले की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है।

बता दें कि वन विभाग अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि बीनागंज के सह परिक्षेत्र चाचौड़ा और बीनागंज की खेड़ी कमलपुर व देदला इलाके में सुबह 10 बजे से कार्रवाई शुरू की गई। इस दौरान खेतों में बोई गई फसल को बुलडोजर से नष्ट किया गया। खड़ी फसल पर बुलडोजर चलाया गया। साथ ही अतिक्रमण रोधी ट्रेंच खोदे गए। इस दौरान कुछ ग्रामीणों ने विरोध किया लेकिन मौके पर करीब 250 का पुलिस बल, वज्र वाहन, अग्निशमन वाहन, एम्बुलेंस, अश्रु गोले के दल, वन बल, राजस्व अमला रहा मौजूद। सभी मिला कर 600 का अमला उपस्थित रहा। कार्रवाई के लिए गुना, राजगढ़, ब्यावरा, सुठालिया, राघोगढ़, मनोहर थाना (राजस्थान) से बुलडोजर 60 मशीन बुलाई गई थीं।

वन विभाग की जमीन पर कब्जा कर बना लिए गए थे खेत

बता दें कि यह पूरा अतिक्रमण देदला गांव में बने तालाब से तीनों तरफ था। वन विभाग की जमीन पर कब्जा कर खेत बना लिए गए थे। वहीं जिन लोगों की निजी जमीन हैं, उनकी जमीनों को मिलने वाले पानी को भी इन अतिक्रमणकारियों ने अपने खेतों में मोड़ लिया था। इस कारण ग्रामीणों में झगड़े की स्थिति बन रही थी।

इन इलाकों से कराई अतिक्रमण मुक्त जमीन

वन विभाग अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि अतिक्रमण के खिलाफ यह 12वीं बड़ी कार्रवाई है। इसके पहले पागड़ीघटा से 200 बीघा, बटावदा में भी 150 बीघा, चारण पुरा में 80 बीघा, सागोडीया में 90 बीघा वन भूमि, चांचौड़ा में 15 बीघा चौराहे की वन भूमि को मुक्त करवाया जा चुका है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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