गुना, डेस्क रिपोर्ट। रेप पीड़ित बच्ची से आरोपी की पहचान कराए जाने के तरीके से नाराज कोर्ट ने नायब तहसीलदार को जमकर फटकार लगाई है, इस मामले की सुनवाई सोमवार को विशेष न्यायाधीश वर्षा शर्मा की कोर्ट में हुई। दरअसल मामला गुना का है। जहां 8 साल की बच्ची से रेप से मामले में कोर्ट ने गुना के नायब तहसीलदार को लेकर सख्त टिप्पणी की है। नायब तहसीलदार ने बच्ची की शिनाख्त परेड में लापरवाही बरती थी और नियमों से हटकर आरोपी की पहचान करवाई, तत्कालीन नायब तहसीलदार भारतेंदु यादव ने पीड़ित बच्ची और आरोपी का सीधे सीधे आमना सामना करवा दिया और फिर पीडिता के पहचान करते ही सामने ही आरोपी के सिर पर हाथ रख दिया, जबकि नियमानुसार पीड़िता की पहचान समस्त बिंदुओं पर छिपाई जाती है। इस तरह से पहचान कराए जाने पर कोर्ट ने बेहद नाराजगी जताते हुए कहा कि नायब तहसीलदार जैसे पद पर आसीन अफसर को इतना भी ज्ञान नहीं है कि पॉक्सो एक्ट के मामले में छोटी बच्ची से किस प्रकार आरोपी की शिनाख्त कराई जाती है।
यह भी पढ़ें… MP News : 7 अप्रैल से शुरू होगी मुख्यमंत्री की यह योजना, मिलेगा लाभ
यह मामला 2020 का है। जब गुना के सिरसी इलाके में 13 सितंबर को 8 साल की बच्ची खेत पर खीरा खाने गई थी। इसी दौरान आरोपी 22 साल के अरुण बारेला उसे जबरदस्ती पास के खेत में ले गया। जहां उसने बच्ची के साथ रेप किया। बच्ची ने जब खुद को बचाने का प्रयास करते हुए चिल्लाया तो आरोपी ने उसका गला दबा दिया और उसे मृत समझकर फेंक कर चला गया, दूसरे व्यक्ति ने बच्ची को देख परिवार वालों को सूचना दी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। जांच के बाद पुलिस ने अभियोग पत्र कोर्ट में पेश किया। करीब डेढ़ वर्ष चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने अरुण बारेला को उम्रकैद सुनाई।