लकड़ी तस्करों पर मेहरबा वन विभाग के अफसर, धड़ल्ले से चल रहा तस्करी का खेल

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गुना। विजय कुमरा जोगी।

जी हां यह हम नहीं कह रहे बल्कि हाल है भाया इस बात का इशारा कर रहे हैं कि कहीं ना कहीं मिलीभगत से ही जंगलों में जो अवैध कटाई जारी है उसमें कहीं न कहीं वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत देखी जा रही है मामला है राधोगड वन परिक्षेत्र का जहां के मधुसुदनगड कुमभराज और चाचौड़ा क्षेत्र में लगातार पेड़ों की कटाई जारी है और लकड़ी तस्कर बड़े पैमाने पर लकड़ी का काला कारोबार वन विभाग के अधिकारियों की छत्रछाया में बैठकर धड़ल्ले से कर रहे हैं और कार्यवाही के तौर पर महज कुछ ही पेड़ के टुकड़े कार्रवाई शुरु दिखाए जाते हैं और बाकी के जो पेड़ बड़ी मात्रा में काटे गए हैं चाहे फिर वह साबुन खेर और अन्य प्रजाति के पेड़ों इन सभी पेड़ों की कटाई बड़े पैमाने पर कुमभराज और मधुसुदनगड और चाचौड़ा क्षेत्र में हो रही है इस मामले में जब हमने चाचौड़ा बीनागंज अधिकारी बात की तो उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले हमने कुमभराज क्षेत्र के एक गांव में कार्रवाई करते हुए पिकअप वाहन सहित खैर की लकड़ी लकड़ी तस्करों से जब तक की थी जो कि कुमभराज के वन विभाग की चौकी पर रखी हुई है लेकिन यहां पर भी सवाल खड़ा होता है कि जिस वाहन से लकड़ियों की तस्करी की जा रही थी वह वाहन कहां है जब लकड़ी की तस्करी की कार्रवाई की गई तो लकड़ी तो जब तो मिली लेकिन वाहन मौके से गायब मिला वहीं 2 दिन पहले भी कुमभराज क्षेत्र के एक गांव में बड़े पैमाने पर खैर की लकड़ी का कटाव किया गया है लेकिन वना अधिकारी अपनी कार्यों से बचते नजर आ रहे हैं और कहीं ना कहीं लकड़ी तस्करों पर मेहरबान बी है यही बात है कि वन विभाग के एसडीओ राघोगड़ ने भी कल कुमभराज क्षेत्र के कई गांवों का दौरा किया लेकिन जब हमने कार्रवाई के बारे में पूछा तो उन्होंने कैमरे के आगे कुछ भी कहने से इनकार कर दिया इससे यह साफ जाहिर होता है कि कई विभाग के बड़े अफसरों का संरक्षण प्राप्त है


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