ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर चम्बल संभाग (gwalior chambal division) के अधिकांश जिलों के बाढ़ (flood) की चपेट में आ जाने के बाद से बचाव दल ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने में लगा है। बाढ़ में फंसे ग्रामीणों को निकला जा रहा है। इधर ग्वालियर जिला प्रशासन ने बाढ़ से प्रभावित लोगों के रहने और खाने की व्यवस्था की है। उधर समाज सेवी संस्थाएं भी सेवाकार्य में आगे आ रही हैं।
ग्वालियर जिला प्रशासन (gwalior district administration) ने जिले में बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए सुरक्षित स्थानों पर राहत-पुनर्वास केन्द्र बना दिए हैं। साथ ही भोजन, रहने और पानी की व्यवस्था भी की गई है। ग्राम करहिया सहित अन्य पुनर्वास स्थलों पर ग्रमीणों को भोजन कराया जा रहा है। वहीं भितरवार जनपद पंचायत के अंतर्गत लखेश्वरी माता मंदिर परिसर में भी बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए जिला प्रशासन द्वारा भोजन की व्यवस्था कराई गई है।
रानीघाटी स्थित गौशाला (rani ghati gaushala) भी बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए पुनर्वास स्थल बन गई हैं। गौशाला को संचालित कर रहे संतों ने लोगों के रहने और खाने की व्यवस्था की है। यहाँ की तस्वीर सनातन काल के भारत की याद दिला रही है , इस समय यहाँ इंसान और पशु एक साथ हैं और एक दूसरे की तकलीफों को समझ भी रहे हैं। यहाँ चिकित्सा के लिए कैम्प भी लगाया गया है।
सामाजिक संस्था सेवा भारती ग्वालियर ने अपील कर कहा है कि बाढ़ के कारण वहाँ के लोग रानीघाटी गौशाला में आ रहे है। अभी लगभग 1000 लोग गौशाला व आसपास के गांवों में अस्थायी रूप से रह रहे हैं ।आप सभी से अनुरोध है कि 0-16 वर्ष आयु के बच्चों के नए,पुराने कपड़े (अभी के ठंडे मौसम के हिसाब से) राष्ट्रोत्थान न्यास भवन, माधव कॉलेज के सामने, नई सड़क, ग्वालियर पर पहुंचाने का प्रयास करें। कृपया सुनिश्चित करें कि वस्त्र पहने जाने लायक अच्छी स्थिति में हों।