ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर नगर निगम (Gwalior Municipal Corporation) के पीएचई (PHE) अमले की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। पानी की टंकी के टूटे ढक्कन से उसमें कुत्ता (Dog) गिरकर मर गया और पानी की सप्लाई जारी रही। लेकिन मामले का खुलासा तब हुआ जब कुछ घरों में पानी पहुँचना बंद हो गया और जब शिकायत के बाद पीएचई ने लाइन चेक की तो उसमें कुत्ते का कंकाल (Dog skeleton)फंसा मिला। घटना के बाद से लोगों में गुस्सा है।
ग्वालियर के सत्य नारायण की टेकरी पर बनी ग्वालियर नगर निगम (Gwalior Municipal Corporation) के पीएचई (PHE) अमले की पानी की टंकी से सत्य नारायण की टेकरी, झाड़ू वाला मोहल्ला, खल्लासी मोहल्ला, गेंडे वाली सड़क और घोसीपुरा आदि में पानी की होती है। चार पांच दिन से गेंडे वाली सड़क के लोगों के घरों में पानी नहीं पहुंच रहा था। जब क्षेत्रीय लोगों ने इसकी शिकायत की तो पीएचई (PHE) के इंजीनियर्स और कर्मचारियों ने पाइप लाइन चेक की। दो दिन तक प्रयास सफल नहीं हुए लेकिन तीसरे दिन जब लाइन चेक की तो कर्मचारियों के होश उड़ गए। पाइप में एक जानवर का कंकाल (skeleton) फंसा मिला। ये कंकाल कुत्ते (Dog skeleton) का था। खास बात ये है कि इसी कंकाल (skeleton) से करीब पांच हजार घरों को पानी पहुँचता है।
टंकी के टूटे ढक्कन से उसमें गिरकर कर गया कुत्ता
अब सवाल ये उठा कि पानी की पाइप लाइन मे कुत्ता कहां से घुस गया। जब लाइन चेक करते हुए इंजीनियर्स और कर्मचारी सत्य नारायण की टेकरी पर बनी पानी की टंकी पर पहुंचे तो पूरा माजरा समझ में आ गया। यहाँ पानी की टंकी का ढक्कन टूटा हुआ था। सप्लाई पाइप के पास लगे ढक्कन गला चुके थे। समझते देर नहीं लगी कि कुत्ता इसी टूटे ढक्कन में से टंकी में गिर गया और पाइप लाइन मे जाकर फंस गया।
क्षेत्रीय लोगों में गुस्सा, अच्छी बात ये कि कोई बीमार नहीं हुआ
पाइप लाइन में फंसे मरे हुए कुत्ते वाले दूषित पानी की सप्लाई जारी रहने के बाद से क्षेत्रीय लोगों में गुस्सा है। स्थानीय लोग और जन प्रतिनिधि लापरवाह लोगों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं उनका कहना है कि हमें दूषित पानी पिलाकर हमारे स्वास्थ्य के साथ खिलवाड किया गया। वो ईश्वर की कृपा रही कि संक्रमण नहीं फैला और कोई बीमार नहीं हुआ। उधर नगर निगम कमिश्नर सभी टंकियों के ढक्कन चेक करवाने की बात कह रहे हैं।