ग्वालियर, अतुल सक्सेना। जम्मू एयर फोर्स स्टेशन (Jammu Air force Station) पर ड्रोन (Drone) से किये गए धमाकों के बाद ग्वालियर (Gwalior) में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। ग्वालियर के महाराजपुरा एयर फोर्स स्टेशन (Air force Station Maharajpura) और आर्मी क्षेत्र (Army Area) के आसपास पुलिस ने पेट्रोलिंग तेज कर दी है , नाइट पेट्रोलिंग को भी अलर्ट कर दिया गया है साथ ही ड्रोन को उड़ाने पर सख्ती कर दी गई है।
जम्मू में हुए ड्रोन हमले के बाद देश की सुरक्षा एजेंसिया सतर्क हो गई हैं। रक्षा मंत्रालय के अधिकारी भी है हालात पर नजर रखे हुए है। सुरक्षा की दृष्टि से ग्वालियर (Gwalior) देश के महत्वपूर्ण और संवेदनशील स्थानों में शामिल है , यहाँ एयर फोर्स स्टेशन है, आर्मी छावनी है, डीआरडीओ की लैब है, बीएसएफ, सीआरपीएफ का बेस कैम्प हैं, इसलिए स्थिति को देखते हुए इन सभी स्थानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
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ग्वालियर में महाराजपुरा पर एयर फोर्स स्टेशन है, मुरार में सेना की छावनी, नयागांव में सीआरपीएफ का बेस कैम्प है, और टेकनपुर में बीएसएफ है। इन सभी संस्थानों ने अपनी आंतरिक सुरक्षा बढ़ा दी है। एयरफोर्स स्टेशन के सभी 52 वॉच टॉवर पर निगरानी बढ़ा दी गई है। एयरफोर्स स्टेशन के बाउंड्री वॉल के आसपास विशेष सतर्कता बरती जा रही है उधर अन्य सुरक्षा संस्थानों ने भी अपने परिक्षेत्र में निगरानी तेज कर दी है।
बिना अनुमति ड्रोन उड़ाना प्रतिबंधित, पुलिस ने बढ़ाई चौकसी
ग्वालियर पुलिस (Gwalior Police) ने भी ग्वालियर स्थित सुरक्षा सुरक्षा संस्थानों के बाहरी क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी है। पुलिस अधीक्षक अमित सांघी (SP Amit Sanghi) के मुताबिक शहर में बिना अनुमति ड्रोन के उपयोग को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। महाराजपुरा एयर फोर्स स्टेशन और मुरार सेना छावनी के पास वाले पुलिस थानों सहित अन्य महत्वपूर्ण सुरक्षा संस्था वाले थानों को अलर्ट कर दिया गया है, अधिकारियों को पेट्रोलिंग तेज करने के निर्देश दिए गए हैं, नाइट पेट्रोलिंग को और तेज करने के निर्देश दिए गए हैं।
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बहुत संवेदनशील है ग्वालियर
गौरतलब है कि महाराजपुरा के एयर फोर्स स्टेशन के लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में हुई सर्जिकल स्ट्राइक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। पाकिस्तान ग्वालियर के सामरिक ठिकानों की पूर्व में जासूसी कराता रहा है। ग्वालियर में पाकिस्तानी जासूस अब्बास को डलिया वाले मोहल्ले से गिरफ्तार किया गया था और वह अब भी जेल में हैं। सुशील शर्मा को भी पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में दस्तावेज के साथ गिरफ्तार किया गया था। वैसे कोरोना के कारण वायुसेना, सेना, बीएसएफ व सीआरपीएफ केंद्रों पर बीते लगभग एक साल से सामान्य लोगों का प्रवेश पूरी तरह बंद है। सैनिकों के रिश्तेदार भी बमुश्किल अधिकारियों की मंजूरी से ही मुलाकात कर पा रहे हैं। फिर भी सुरक्षा एजेंसियां और जिला पुलिस किसी भी तरह की रिस्क नहीं लेना चाहते।