ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर पुलिस (Gwalior Police) ने उत्तर प्रदेश (UP) से ग्वालियर (Gwalior) आकर लूट करने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार (Gwalior robber arrested) करने में सफलता हासिल की है। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से लूटी गई सोने की चैन बरामद की है। उधर पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किये ठग की निशानदेही पर 2 लाख रुपये बरामद किये हैं। पुलिस दोनों हो मामलों में अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।
एसएसपी अमित सांघी (Gwalior SSP Amit Sanghi) ने पत्रकारों को जानकारी दी कि 30 जुलाई को गोले का मंदिर थाना क्षेत्र में सूर्य नमस्कार चौराहे के पास बाइक सवार लुटेरों ने एक महिला के गले से 2 तोले की सोने की चैन लूट कर भाग गए थे। घटना के बाद पुलिस एक्टिव हुई और 10 दिन की लगातार मेहनत के बाद एक आरोपी को आगरा से गिरफ्तार कर लूटी गई सोने की चैन बरामद कर ली गई।
उन्होंने बताया कि घटना का दूसरा आरोपी गिरफ्तार आरोपी का चचेरा भाई है वो अभी फरार है जिसकी तलाश जारी है। एसएसपी ने बताया कि ये लूट बिलकुल अंधी थी, आरोपियों की कोई पहचान नहीं हो पाई थी लेकिन पुलिस ने ग्वालियर , मुरैना, धौलपुर के रास्ते के सभी सीसीटीवी फुटेज चैक किये और आरोपी को आगरा से गिरफ्तार कर लिया।
एसएसपी अमित सांघी ने एडिशनल एसपी क्राइम राजेश दंडोतिया (Adsp Rajesh Dandotiya Gwalior Crime Branch Police), सीएसपपी मुरार ऋषिकेश मीणा (IPS) टीआई गोले का मंदिर की टीम को 10 हजार रुपये का कैश रिवार्ड देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि आरोपियों के सम्बन्ध में आगरा एसपी से आपराधिक जानकारी मंगाई जाएगी, इनका पीआर लेंगे और पूछताछ करेंगे।
एक अन्य मामले की जानकारी देते हुए एएसएसपी अमित सांघी ने बताया कि पिछले दिनों एक इंजीनियर ने गल्फ में नौकरी के नाम पर 73 लाख रुपये की ठगी की शिकायत की थी। शिकायत के बाद आरोपी को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है उसका जब रिमांड लिया गया तो उसने बहुत सी जानकारी दी। उसे आज वापस दिल्ली ले जाकर पूछताछ की और फिर उसकी निशानदेही पर 2 लाख रुपये बरामद किये। एसएसपी ने बताया कि जिस कॉल सेंटर को चलाकर ये ठगी करता था वहां के स्टाफ से बयान लिए है। मुख्य आरोपी अभी फरार है।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....