रिहायशी क्षेत्र में दिखाई दिया ‘ब्लैक लेपर्ड’ क्षेत्र में दहशत, वन विभाग को मिले फुट प्रिंट

Gaurav Sharma
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर के कैंसर पहाड़िया क्षेत्र में शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज के पास बसी न्यू विजय नगर कॉलोनी के पास वन विभाग के जंगल में ब्लैक लेपर्ड यानि काले तेंदुए की मौजूदगी से दहशत फैल गई है, लोग खौफजदा हैं। तेंदुए की तस्वीर एक घर में लगे CCTV में कैद हुई है। तेंदुए की मौजूदगी की जानकारी वन विभाग को दी गई जिसके बाद वन विभाग के अधिकारियों ने जंगल से तेंदुए के फुट प्रिंट इकट्ठा किये है और तेंदुए की मौजूदगी की पुष्टि की है।

 

 

जानकारी के अनुसार 30 सितंबर की रात करीब न्यू विजय नगर में रहने वाले एक परिवार के पीछे के हिस्से में लगे CCTV में करीब आठ बजे एक बड़े से काले जानवर की तस्वीर कैद हो गई। जब परिवार ने तस्वीर को जूम कर देखा तो वे भौचक रह गए, ये एक ब्लैक लेपर्ड यानि काला तेंदुआ था। उन्होंने आसपास के लोगों को जानकारी दी जिसके बाद वन विभाग को इसकी जानकारी दी गई। सूचना मिलते ही सुबह वन विभाग का अमला कॉलोनी के पास के जंगल में पहुंचा और जांच शुरू की। विभाग के कर्मचारियों को यहाँ फुट प्रिंट मिले जिसके आधार पर तेंदुए की मौजूदगी कन्फर्म की गई। ग्वालियर के वन मंडल अधिकारी (DFO) अभिनव पल्लव ने मीडिया को बताया कि तेंदुआ होने की पुष्टि पग मार्क (फुट प्रिंट) देखकर की जा चुकी है। चूंकि नाइट विजन कैमरे में वीडियो बना है, इसलिए तेंदुए के काला होने की पुष्टि अभी नहीं की जा सकती है। DFO का कहना है कि फिलहाल CCTV फुटेज व फुट प्रिंट की जांच की जा रही है। लोगों से अपील है कि सावधान रहें व अधिक गतिविधियां करने से बचें। उन्होंने कहा कि चूंकि खेल मैदान के पास तेंदुए की मूवमेंट दिखी है, ऐसे में बच्चों को वहां खेलने जाने से रोका जाना जरूरी है। उधर ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि तेंदुआ पहले भी यहाँ आ चुका है क्योंकि इलाके के कई पालतू कुत्ते गायब हैं। एक्सपर्ट बताते हैं कि तेंदुआ घने जंगल की जगह रिहायशी इलाके के पास रहना पसंद करते हैं। ये बड़े शिकार नहीं करते लोगों के यहाँ पालतू जानवर या अन्य कोई छोटे शिकार करते हैं। ग्वालियर में तेंदुआ रानी घाटी, आरोन के जंगल में मिलता है। विशेषज्ञ ये भी कहते हैं कि यदि ये ब्लैक लेपर्ड है तो खास बात है क्योकि ब्लैक लेपर्ड एमपी में नहीं मिलता कर्नाटक में ये देखे गए हैं इसका यहाँ होना विशेष बात है। बहरहाल ये ब्लैक है या सामान्य लेपर्ड है इसकी पहचान के लिए और तेंदुए की मूवमेंट पता करने के लिए वन विभाग ने जंगल में पेडों पर 4 कैमरा ट्रेप लगा दिये है।

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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