ग्वालियर, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों (28 assembly seats in Madhya Pradesh) पर उपचुनाव (by-election) के लिए मतदान (voting) संपन्न हो गए हैं। मतदान खत्म होने के बाद से ही कांग्रेस लगातार पुनर्मतदान की मांग कर रही है। जिसको लेकर मध्य प्रदेश के जौरा क्षेत्र (Jaura region) के कांग्रेस प्रत्याशी पंकज उपाध्याय (Congress candidate Pankaj Upadhyay) ने याचिका दायर की थी। याचिका में पुनर्मतदान की मांग की गई थी। याचिका मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में दायर की गई थी। जिस को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है।
दरअसल कांग्रेस प्रत्याशी पंकज उपाध्याय ग्वालियर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करते हुए 16 मतदान केंद्रों पर गड़बड़ी के आरोप लगाए थे। कांग्रेस प्रत्याशी का कहना था कि जौरा विधानसभा क्षेत्र के 16 मतदान केंद्रों पर मतदान वाले दिन भारी गड़बड़ी देखी गई है। वहीँ उन्होंने आरोप लगाया है कि 3 नवंबर को हुए मतदान में इन केंद्रों पर बूथ कैप्चरिंग की गई और इसकी घटना वहां लगे सीसीटीवी कैमरे (CCTV Camera) में रिकॉर्ड भी हुई है। 16 मतदान केंद्रों पर बूथ कैप्चरिंग (Booth capturing) का आरोप लगाते हुए उन्होंने पुनर्मतदान की मांग की थी। जिस याचिका को हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने खारिज कर दिया है।
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जौरा विधानसभा प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर 3 नवंबर को उपचुनाव के लिए मतदान हुए थे। जहां प्रदेश के 355 प्रत्याशियों ने अपना भाग्य आजमाया है। ज्ञात हो कि जरा सीट पर विधायक बनवारी लाल शर्मा के निधन के बाद यह सीट खाली हो गया था। जबकि दूसरे नंबर पर इस सीट पर बसपा के मनीराम धाकड़ का कब्जा हुआ था। यह सीट बीते कई दशकों से कांग्रेस के खाते में रही है।
वहीं इस सीट पर सिंधिया परिवार का भी खासा बोल वाला देखने को मिला है। इस सीट के लिए उम्मीदवारों का चयन भी सिंधिया परिवार ही करता आया है लेकिन सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद कमलनाथ ने इस सीट पर उम्मीदवार तय किए हैं। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने इस सीट के लिए सूबेदार सिंह राजोंधा को अपने प्रत्याशी बनाया है।
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गौरतलब हो कि जोरा विधानसभा सीट से कांग्रेस और बसपा के प्रत्याशियों को जीत मिलती रही है लेकिन बीजेपी ने 2013 में इस विधानसभा सीट से जीत हासिल की है। अब ऐसे में सिंधिया का बीजेपी की तरफ से प्रतिनिधित्व करना इस सीट का इतिहास बदल पता है या नहीं यह देखना दिलचस्प है।