अमर्यादित भाषा : पूर्व मंत्री के बिगड़े बोल, कहा- भाजपा में पहले एक भांड था अब 2 हो गए

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। आज के दौर की राजनीति ने असल राजनीति के मायने ही बदल दिये हैं। एक दूसरे को नीचा दिखाने या कटाक्ष करने के लिए अब नेता अभद्र और अमर्यादित टिप्पणी करने में शान समझते हैं। । मप्र में जब से ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर कांग्रेस सरकार (Congress Goverment) गिराई है तब से कांग्रेस के नेता लगातार भाजपा और सिंधिया पर हमलावर है। खास बात ये है कि वे बोलते समय अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करने से भी चूकते। गद्दार, धोखेबाज, बिकाऊ जैसी भाषा से शुरू हुई ये जुबानी जंग एक नये शब्द “भांड” के साथ आगे बढ़ी है। कांग्रेस के पूर्व मंत्री लाखन सिंह (Former Minister Lakhan Singh) ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि भाजपा में पहले एक भांड था जो हमेशा भांडगिरी किया करता था अब दो हो गए हैं वो भी मल्टीपरपज। उन्होंने कहा कि वे कितनी भी भांडगिरी कर लें ग्वालियर चंबल की जनता धोखेबाजों, गद्दारों को सबक सिखायेगी।

हालांकि चुनाव आयोग (Election commission) ने अभी मध्यप्रदेश (MP) की 27 सीटों पर होने वाले उप चुनावों की तारीख का एलान नहीं किया है लेकिन भाजपा और कांग्रेस दोनों चुनावी मोड में आ चुकी हैं। इनके नेता लगातार उन विधानसभा सीटों पर दौरे कर रहे हैं जहाँ उप चुनाव होना है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan)  इन दिनों ग्वालियर चंबल संभाग के दौरे पर हैं 10 सितंबर से 13 सितंबर तक के दौरे में वे करोड़ों रुपये के विकासकार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण कर रहे हैं और नई घोषणाएं भी कर रहे हैं। उनके साथ केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी दौरे पर हैं। रविवार को चार दिवसीय दौरे का अंतिम दिन है। वहीं 18,19 सितंबर को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी ग्वालियर दौरे पर आने वाले हैं जिसे लेकर भाजपा नेताओं ने तंज कसा है कि वे तो मेहमान हैं आयेंगे और चले जायेंगे।


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)