ग्वालियर में माकपा कार्यकर्ता गिरफ्तार, धारा 144 के बीच बिना अनुमति निकाल रहे थे रैली

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ग्वालियर । पिछले साल 2 अप्रैल को शहर में हुई हिंसा को देखते हुए इस बार प्रशासन चौकन्ना है । संवेदनशील क्षेत्रों में भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात है, वरिष्ठ अधिकारी सड़कों पर हैं। उधर शहर में जारी धारा 144 के बीच रैली निकालकर पिछले साल की हिंसा के मृतकों को श्रद्दांजलि देने जा रहे माकपा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

एट्रोसिटी एक्ट के विरोध में भारत बंद के दौरान पिछले साल ग्वालियर हिंसा का शिकार हुआ था। उपद्रवियों ने शहर में कऊ स्थानों पर तोड़फोड़, आगजनी की थी । थाटीपुर क्षेत्र में भारी तनाव के बीच चलीं गोलियों में दो लोगों की मौत हो गई थी। लेकिन इस बार प्रशासन पहले से ही सक्रिय है। संवेदनशील सभी क्षेत्रों में विशेष निगाह रखा जा रही है। जिन बस्तियों में हिंसा हुई थी वहां अतिरिक्त पुलिस फोर्स तैनात है, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी खुद मौके पर मौजूद है। हर आने जाने वाले पर नजर रखी जा रही है। धारा 144 का कोई उल्लंघन नहीं कर पाए इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है, अभी तक कहीं से कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं आई है। उधर इसी बीच पुलिस में बिना अनुमति रैली निकाल रहे माकपा नेताओं को गरफ्तार कर लिया ।

माकपा पिछले साल की हिंसा में मरने वाले लोगों को श्रद्दांजलि देने के लिए रैली के रूप में फूलबाग स्थित अंबेडकर पार्क ज रहे थे । धारा 144 प्रभावशील होने के कारण जिला प्रशासन ने रैली निकालने की अनुमति नहीं दी थी लेकिन माकपा नेता और कार्यकर्ता रैली निकालने पर अड़े थे । जिसके बाद पुलिस ने नई सड़क स्थित माकपा कार्यालय पर ही नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया । पुलिस की इस कार्रवाई का माकपा नेताओं ने विरोध किया है। वरिष्ठ नेता अखिलेश यादव का कहना है कि आज आम आदमी के अधिकारों को दबाया जा रहा है। हम तो शांतिपूर्ण तरीके से मृतकों को श्रद्दांजलि देने जा रहे थे लेकिन प्रशासन ने हमें जबरन रोक लिया। प्रशासन ने माकपा कार्यालय पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है।

 

 

 

 


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