ग्वालियर, अतुल सक्सेना। शिक्षकों के सम्मान वाले दिन शिक्षक दिवस पर अपने हकों के लिये शिक्षकों को सड़क पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ा। ग्वालियर में अतिथि शिक्षकों ने अपनी स्थायी नियुक्ति की मांग के साथ प्रदर्शन किया। शिक्षकों ने मुख्यमंत्री से स्पष्ट कहा कि यदि उन्हें नियुक्ति नहीं दी गई तो उपचुनावों का बहिष्कार किया जायेगा।
सरकार की वादाखिलाफ़ी के चलते प्रदेश के अतिथि शिक्षक लंबे समय से सड़कों की खाक छान रहे हैं। शिक्षक दिवस के मौके पर वे अपनी मांगों को लेकर वे रैली और जेल भरो आंदोलन करने वाले थे लेकिन प्रशासन की सख्ती से वे ऐसा नही कर सके। लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चेतावनी दी कि यदि उन्हें एक साल की सेवाकाल के आधार पर स्थायी नियुक्ति नहीं दी जाती तो वे विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे। प्रदर्शन रैली निकालने के लिये सैकड़ों अतिथि शिक्षक ग्वालियर के मेला ग्राउंड पर इकट्ठा हो गये, यहाँ से उनका लक्ष्मीबाई की समाधि तक रैली निकालने का कार्यक्रम था। लेकिन प्रदर्शन की सूचना लगते ही वहां प्रशासनिक अधिकारी और भारी पुलिस बल पहुंच गया और उन्हें घेर लिया । लेकिन अतिथि शिक्षक लक्ष्मीबाई की समाधि तक पैदल मार्च निकालने पर अड़े रहे मगर बाद में पुलिस और प्रशासन की जिद के आगे उन्होंने अपना इरादा बदल दिया और मेला ग्राउंड में सांकेतिक मार्च निकाला और प्रदर्शन किया। अतिथि शिक्षकों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चेतावनी देते हुए उप चुनाव से पहले स्थाई पद स्थापना प्रदान करने संबंधित एक ज्ञापन भी एसडीएम को दिया। अतिथि शिक्षकों ने राज्य सरकार को चेतावनी दी कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे उग्र आन्दोलन करेंगे और उपचुनाव का बहिष्कार करेंगे।