अच्छी खबर: MPPSC, SSC, रेलवे परीक्षा में शामिल होने वाले SC, ST स्टूडेंट्स के लिए नि:शुल्क प्रशिक्षण एक जुलाई से, शिष्यावृति भी मिलेगी

परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्र में मध्यप्रदेश के मूलनिवासी अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के ऐसे विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है, जिनके परिवार की वार्षिक आय 6 लाख रुपये से अधिक न हो।

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SC, ST students MPPSC free coaching :  ग्वालियर के शारदा विहार सिटी सेंटर स्थित शासकीय परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्र में मध्यप्रदेश के मूलनिवासी अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्र-छात्राओं को एमपी पीएससी एवं कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित परीक्षाओं, रेलवे भर्ती इत्यादि की तैयारी कराने के लिये एक जुलाई से नि:शुल्क प्रशिक्षण सत्र शुरू होने जा रहा है। प्रशिणार्थी को नियमानुसार शिष्यावृति भी दी जाती है।

विषयवार मॉक टेस्ट होंगे, पुस्तकालय व कम्प्यूटर सुविधा भी मिलेगी 

शासकीय परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्र के प्राचार्य से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस प्रशिक्षण सत्र में सामान्य ज्ञान, विज्ञान व तकनीकी, अंग्रेजी, भूगोल, संविधान, इतिहास, कम्प्यूटर, गणित, रीजनिंग एवं अर्थशास्त्र आदि विषयों की पढ़ाई प्रतियोगी परीक्षाओं के हिसाब से कराई जाती है। साथ ही विषयवार मॉक टेस्ट भी कराए जाते हैं। केन्द्र में पुस्तकालय व कम्प्यूटर सुविधा भी उपलब्ध है।

एडमिशन के लिए इन शर्तों का करना होगा पालन 

परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्र में मध्यप्रदेश के मूलनिवासी अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के ऐसे विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है, जिनके परिवार की वार्षिक आय 6 लाख रुपये से अधिक न हो। कुल निर्धारित स्थानों में 50 प्रतिशत स्थान महिला प्रशिणार्थियों के लिये आरक्षित हैं। आवेदक की योग्यता प्रतियोगी परीक्षा के लिये होना चाहिए। साथ ही निर्धारित योग्यता परीक्षा में कम से कम 55 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण हों। आवेदक को प्रतियोगी परीक्षा के लिये आवेदन करना अनिवार्य है।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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