ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर चम्बल अंचल में कंधे या कमर पर लाइसेंसी हथियार रखने को रौब और शान समझा जाता है लेकिन कुछ लोग लाइसेंसी हथियारों उपयोग भी करते हैं, हथियारों का रौब दिखाकर लोगों को धमकाते हैं। लेकिन लाइसेंसी हथियारों से लोगों को डराना धमकाना तीन शस्त्र लाइसेंसधारियों को भारी पड़ा है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने इनके शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं।
मंगलवार को कलेक्ट्रेट में हुई जन-सुनवाई में पहुंचे आर्य नगर मुरार निवासी कप्तान सिंह ने शिकायत की कि मेरा मूल निवास स्थान ग्राम गणेशपुरा है, जहां हमारी जमीन है। गांव के आपराधिक प्रवृति के दबंग व्यक्ति श्रीलाल राजे एवं उसके पुत्रों द्वारा लाइसेंसी बंदूक की धमकी देकर हमारी जमीन पर जबरन कब्जा करने की कोशिश की जा रही है, इससे हम बहुत परेशान है। श्रीलाल के खिलाफ बिजौली पुलिस थाने में संगीन आपराधिक मामले भी दर्ज हैं। कलेक्टर ने इस शिकायत को गंभीरता से लिया और श्रीलाल राजे के शस्त्र लायसेंस निरस्त करने के आदेश जारी कर दिए।
इसी तरह डबरा तहसील के ग्राम जतरथी निवासी मंशाराम ने जन-सुनवाई में शिकायत की कि गाँव के पोषण सिंह सहित अन्य व्यक्तियों द्वारा लाइसेंसी पिस्टल का रौब दिखाकर मुझे गन्ने की फसल काटने नहीं दी जा रही है। कलेक्टर ने इस शिकायत की जाँच के बाद पोषण सिंह का लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई करने के निर्देश भी जारी कर दिए।
वहीं आरजेपुरम निवासी फरियादी राजभान सिंह द्वारा जनसुनवाई में शिकायत की गई कि मेरे द्वारा आरोपी देश दीपक सिंह कुशवाह के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई गई थी, लेकिन वह अभी तक गिरफ्तार नहीं हुआ है और अपनी लाइसेंसी बंदूक से धमकाकर मेरे ऊपर राजीनामा करने के लिये दबाव डाल रहा है। कलेक्टर ने रामेश्वर नगर गदाईपुरा निवासी आरोपी देश दीपक सिंह कुशवाह का शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने के निर्देश जारी कर दिए।
कलेक्ट्रेट की जन-सुनवाई में इस बार 65 आवेदन दर्ज किए गए। कलेक्टर ने हर बार की तरह इस बार की जनसुनवाई में भी आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के जरूरतमंदों को इलाज सहित अन्य प्रयोजन के लिये आर्थिक मदद भी दिलवाई। साथ ही नि:शुल्क इलाज का इंतजाम भी कराया। उधर नोटरी के जरिए एक प्लॉट को कई लोगों को बेचने संबंधी शिकायत को भी कलेक्टर ने गंभीरता से लिया। उन्होंने सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि सरकारी जमीन को बेचने का अपराध करने वाले भू-माफियाओं की जमीन व अन्य अचल सम्पत्तियों को सरकारी घोषित करने की कार्रवाई की जाए। साथ ही उनके खिलाफ एफआईआर भी कराएँ।