ग्वालियर कलेक्टर ने शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों की छुट्टी पर लगाई रोक, आदेश जारी

Pooja Khodani
Published on -
government employees

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। बढ़ते कोरोना संक्रमण (Coronavirus) को देखते हुए ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह (Gwalior Collector Kaushalendra Vikram Singh) ने ग्वालियर जिले में कार्यरत सभी शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों (Government Officials and Employees) की छुट्टी पर रोक लगा दी है। कलेक्टर ने आगामी आदेश तक CL और EL प्रतिबंधित कर दी हैं।

लोकायुक्त के शिकंजे में फंसा प्रभारी बाबू, रिश्वत लेते रंगेहाथों गिरफ्तार

प्रदेश (Madhya Pradesh) में बढ़ती कोरोना की रफ्तार ने प्रशासन (Administration) की चिंता बढ़ा दी है। ग्वालियर जिला प्रशासन के अधिकारी शहर के लोगों से मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग की अपील कर रहे हैं। लेकिन तेजी से बढ़ती कोरोना के मरीजों की संख्या थम नहीं रही है। जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की कुल संख्या का आंकड़ा 19,000 से ऊपर पहुंच चुका है। प्रशासन ने सेम्पलिंग की संख्या भी बढ़ा दी है। जिसका परिणाम ये है कि पॉजिटिव मरीजों की संख्या का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को इस साल का सबसे बड़ा आंकड़ा 298 आया साथ ही एक्टिव केस की संख्या भी 1464 पहुंच गई।

हालात को देखते हुए जिला कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने जिले में पदस्थ सभी शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियों पर रोक लगा दी है। कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि प्रशासकीय कार्य की सुविधा को देखते हुए सभी अधिकारियों कर्मचारियों के आकस्मिक और अर्जित अवकाश यानि CL और EL पर आगामी आदेश तक रोक लगाई जाती है।

MP Weather Alert: मप्र में बदलेगा मौसम, अगले 24 घंटे में इन जिलों में बारिश के आसार

उधर जानकर सूत्र ये बताते हैं कि शासकीय अधिकारी और कर्मचारी कोरोना ड्यूटी से बचने के लिए लगातार छुट्टी के आवेदन दे रहे हैं और यदि छुट्टी स्वीकृत की जाती है तो काम प्रभावित होगा। इधर कर्मचारी संगठनों ने कलेक्टर के फैसले पर ऐतराज जताया है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गत दिवस प्रदेश के सभी शासकीय कार्यालयों में 5 day वीक की घोषणा कर चुके हैं अर्थात आगामी आदेश तक प्रदेश के सभी शासकीय कार्यालयों में रविवार के साथ शनिवार का भी अवकाश रहेगा।

ग्वालियर

 


About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News