ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर नगर निगम (Gwalior Municipal Corporation) की कार्यशैली को लेकर लोग इसे नरक निगम भी कहते हैं क्यों कि निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों को किसी के आदेश की परवाह नहीं रहती। ये तो अपने हिसाब से काम करते हैं। ऐसा ही कुछ इन दिनों दिखाई दे रहा है। निगम के अधिकारी कर्मचारी वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों को ही नहीं प्रभारी मंत्री के आदेश को भी हवा में उड़ा देते हैं। समझ में नहीं आता कि निगम के कर्मचारी शहर को साफ कर रहे हैं या गंदा।
ग्वालियर शहर को साफ़ सुथरा रखने के लिए नगर निगम कमिश्नर किशोर कान्याल (Gwalior Municipal Corporation Commissioner Kishor Kanyal) ने अभियान चला रखा है , वे डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के लिए लगातार निर्देश दे रहे हैं और अधीनस्थ अधिकारियों को मॉनिटरिंग के निर्देश दे रहे हैं। कमिश्नर खुद कई जगह इसकी मॉनिटरिंग के लिए निकल रहे हैं। बावजूद इसके निगम के अधिकारी कर्मचारी शहर को साफ सुथरा रखने को लेकर गंभीर नहीं हैं।
प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट ने अपने पिछले दौरों में नगर निगम के अधिकारियों को शहर की सड़कों को सुधारने, शहर में सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखने के निर्देश दिए थे पहले दौरे में प्रभारी मंत्री ने ग्वालियर प्रशासन को 10 दिन का समय दिया था लेकिन उसके बाद से कई 10 दिन निकल गए लेकिन हालात नहीं बदले।
शहर में जगह जगह कचरे के ढेर लगे हैं कॉलोनी हो या मोहल्ले सफाई कर्मचारी कचरा उठाकर थोड़ी दूर ले जाकर पटक देते हैं। खास बात ये है कि नगर निगम के कचरा कलेक्शन में लगे बड़े वाहन (Garbage Collection Vehicle)जब कचरा उठाकर शहर से दूर लैंडफिल साइट पर लेकर जाते हैं तो रास्ते भर सड़क पर कचरा फैलाते, बदबू फैलाते जाते हैं जबकि नियमानुसार उन्हें कचरे को ढंककर लेकर जाना चाहिए। नगर निगम के बड़े कचरा कलेक्शन वाहन शहर की स्वच्छता और आबोहवा को तो पलीता लगा ही रहे हैं साथ ही गाड़ी में आधा कचरा भरकर नगर निगम का डीजल फूंक कर राजस्व की हानि भी पहुंचा रहे हैं।
इस पूरे मामले पर जब एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ ने ग्वालियर नगर निगम कमिश्नर किशोर कान्याल से बात की तो उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में ये बात है उन्होंने खुद कचरा वाहन को खुले में कचरा ले जाते और सड़क पर फैलाते देखा है, मैंने एडिशनल कमिश्नर को आदेश दिए हैं कि वे इसकी मॉनिटरिंग करें, कचरा सड़क पर नहीं फैले और गाड़ी तिरपाल से ढकी हुई हो। कमिश्नर ने कहा कि जब से उन्होंने चार्ज लिया है तब से वे लगातार इस दिशा में काम कर रहे हैं उन्होंने भरोसा दिलाया कि 15 दिन में शहर की सफाई व्यवस्था दुरुस्त हो जाएगी।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....