Gwalior News : चार लोगों की हत्या के सात आरोपियों को जिला न्यायालय ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

Atul Saxena
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Gwalior News : ग्वालियर जिला न्यायालय ने 2016 में हुए चौहरे हत्याकांड के सात आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया है, सभी आरोपी एक ही परिवार के हैं खास बात ये है कि मरने वाले भी एक ही परिवार के हैं, आरोपियों में 4 पुरुष और 3 महिलाएं शामिल हैं।

दर असल मामला फरवरी 2016 का है जब पुलिस को अलग अलग थाना क्षेत्रों में चार शव मिले थे जिसमें दो बच्चियों के थे और दो महिलाओं के थे, घटना की एफआईआर जनकगंज थाने में दर्ज थी, तफ्तीश भी जनकगंज थाने ने ही की और आरोपियों को गिरफ्तार गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

शासकीय अधिवक्ता घनश्याम मंगल ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्वालियर जिला न्यायालय ने आज इस मामले में सातों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया है, दण्डित होने वालों में 4 पुरुष और 3 महिलाएं है, साथ ही एक एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

उन्होंने बताया कि मामला संपत्ति विवाद से जुड़ा हुआ है मृतक रिंकी गोस्वामी ने अपने बुआ के बेटे महेश और फूफा अदि के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, इसी बात पर राजीनामा करने के बहाने महेश ने रिंकी, उसकी माँ ईश्वरी और दों बेटियों को 28 फरवरी को अपने घर सनशाइन टॉवर लक्ष्मीगंज बुलाया था।

ये चारों लोग जब महेश के घर पहुंचे तो वहां दीपक, देवा, विजय, बल अभी उमा गोस्वामी और सुरभि पहले से मौजूद थे, इन लोगों ने पहले राजीनामे का नाटक किया फिर गेट बंद किया तेज आवाज में डेक बजाया और लाठी डंडो से पीट पीट कर चरों की हत्या कर दी।

आरोपियों ने रात होने पर बच्चियों के शव जीवाजी गंज में फेंक दिए, एक महिला का शव आर आर टॉवर बहोड़ापुर के पास और दूसरी महिला का शव आदर्श मिल रोड बहोड़ापुर में फेंक दिया जिसे राहगीरों की सूचना पर 29 फरवरी की सुबह पुलिस ने बरामद किया ।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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