Gwalior News : अब स्वर्ग में जाकर भी वैक्सीनेशन कर रहा ग्वालियर का स्वास्थ्य विभाग!

Gaurav Sharma
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ग्वालियर, गौरव शर्मा। वैक्सीनेशन के अभियान को कागज में पूरा करने के लिए फर्जीवाड़े का एक बड़ा मामला सामने आया है। ग्वालियर में एक ऐसे व्यक्ति को न केवल वैक्सीन की दूसरी डोज लगा दी गई बल्कि उसका सर्टिफिकेट भी उसके मोबाइल पर पहुंच गया जिसे इस दुनिया से विदा हुए 6 महीने बीतने को है। ‘जिंदगी की डोज, वैक्सीन की दूसरी डोज’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रव्यापी वैक्सीनेशन के अभियान को अधिकारी किस कदर पलीता लगा रहे हैं, इसका बड़ा उदाहरण ग्वालियर में सामने आया है।

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दरअसल ग्वालियर के महेंद्र गुप्ता नाम के व्यक्ति के बेटे को एक मैसेज मिला जिसमें उनके पिता को वैक्सीन की दूसरी डोज लगने और उसका प्रमाण पत्र मोबाइल पर भेज दिया गया था। हैरत की बात यह है कि महेंद्र गुप्ता की मृत्यु 1 मई 2021 को लाइफ केयर अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई थी। महेंद्र गुप्ता के पुत्र यह मैसेज पाकर हैरान रह गए और उन्होंने इस बात की सूचना जब अधिकारियों को दी तो कहा गया कि यह गलती से हो गया होगा।

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ऐसे ही कुछ और लोग मिले जिन्हें वैक्सीन का दूसरा डोज लगे बिना उन्हें यह मैसेज मिल गया कि सफलतापूर्वक दूसरा डोज लग चुका है। सूत्रों की मानें तो आंकड़ों की बाजीगरी का यह खेल अधिकारियों के इशारे पर कर्मचारी कर रहे हैं।

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दरअसल कोरोना महा वैक्सीनेशन अभियान के तहत ग्वालियर में 418 सेंटर बनाए गए थे और हर वार्ड मॉनिटर को 500-500 लोगों को टीका लगवाने की जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन लोग वैक्सीन लगवाने के लिए नहीं आ रहे और इसीलिए ग्वालियर आंकड़ों में ना पिछड़े, तो यह बाजीगरी शुरू हो गई। जैसे ही किसी व्यक्ति की दूसरी डोज लगवाने की तिथि पास में आती है उसका डाटा बिना वैक्सीन लगाए ही ‘सफलतापूर्वक वैक्सीन लग गई’ फीड कर दिया जाता है। अब आम तौर पर व्यक्ति शिकायत नहीं करता कि कौन पचड़े में पड़े।

आपको बता दें कुछ दिन पहले वैक्सीन रजिस्ट्रेशन में अनियमितताओं को लेकर ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह द्वारा सीएचएमओ मनीष शर्मा को फटकार लगाई थी और सूत्रो की माने तो सीएमएचओ ने इस्तीफा तक दे दिया था जो बाद मे भोपाल से फटकार के बाद वापस ले लिया गया। पर आज यह कागजी फर्जीवाड़ा देखकर लग रहा है कि सीएचएमओ साहब और उनके विभाग को इस तरह से काम करने की आदत डल चुकी है। ये वही सीएमएचओ साहब है जो कोरोना को भगाने के जादुई नुस्खे बताने को लेकर वायरल वीडियो से चर्चा मे रहे। हालांकि कलेक्टर ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया है और जांच कराने की बात कही है। लेकिन क्या कार्रवाई होगी, यह देखने वाली बात है


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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